जयपुर, 27 जनवरी राज्यपाल एवं राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति कलराज मिश्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि नई शिक्षा नीति लागू करने और उसके अनुरूप पाठ्यक्रम निर्धारण में राज्य के विश्वविद्यालय दूसरे राज्यों के लिए मिसाल पेश करें।
उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से समय-समय पर संवाद कर नई शिक्षा नीति को आगामी सत्र से लागू करने के चरणबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्यपाल मिश्र बृहस्पतिवार को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के 18वें दीक्षांत समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। दीक्षांत समारोह में प्रख्यात पार्श्व गायिका लता मंगेशकर को डी.लिट. और वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन को डी.एससी. की मानद उपाधि प्रदान की गई।
मिश्र ने परंपरागत शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों से प्रभावी रूप से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने शिक्षकों से पाठ्यक्रमों को आधुनिक बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इनमें भारतीय ज्ञान व संस्कृति का समावेश भी होना चाहिए।
कुलाधिपति ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद युवा अधिकाधिक संख्या में आत्मनिर्भर बन सकें इसके लिए उनमें आरम्भ से ही स्वावलम्बन की भावना विकसित करना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने राजस्थान कौशल विकास विश्वविद्यालय से जुड़कर भी इस सबंध में व्यावहारिक पाठ्यक्रम तैयार करने का सुझाव दिया।
उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में बनने वाले संविधान पार्क का शिलान्यास और विश्वविद्यालय की पुस्तिका ‘परिस्पंद’ का ऑनलाइन लोकार्पण भी किया।
समारोह को वर्चुअल रूप से सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि पूरे देश में जोधपुर एकमात्र ऐसा बड़ा शहर है, जहां राष्ट्रीय स्तर के कई उच्च शिक्षण संस्थान हैं। जोधपुर आज उच्च शिक्षा का बड़ा केन्द्र बन गया है, जहां आईआईटी, एम्स, निफ्ट, एफडीडीआई, नेशनल लॉ यूनिर्वसिटी एवं पुलिस विश्वविद्यालय स्थापित हैं।’’
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही, यहां डिजिटल विश्वविद्यालय शुरू होगा जिसके लिए राज्य सरकार ने 400 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं एवं जमीन आवंटन की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार जब वे मुख्यमंत्री बने तो उनकी सरकार ने 18 विश्वविद्यालय खोले थे। उन्होंने कहा कि 123 नए कॉलेज खोले गए हैं और 500 से अधिक छात्राओं वाले उच्च माध्यमिक विद्यालय को महाविद्यालय में क्रमोन्नत किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को फ्री कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि 200 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को राज्य सरकार के खर्च पर विदेश में अध्ययन के लिए भेजा जा रहा है।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि राज्य सरकार सभी विश्वविद्यालयों के लिए ‘अंब्रेला एक्ट’ (एक समान कानून) लाने के लिए प्रयासरत है ताकि विद्यार्थियों को एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में जाने पर शिक्षण एवं पाठ्यक्रम सम्बन्धी असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़े।
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