देश की खबरें | हमारा लक्ष्य नियमित रूप से एशियाई कप, युवा विश्व कप के लिए क्वालीफाई करना होना चाहिए: भूटिया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया का मानना है कि अगर भारतीय फुटबॉल टीम महाद्वीप में अपना दमखम कायम करना चाहती है तो उसे एशियाई कप और युवा विश्व कप के लिए नियमित रूप से क्वालीफाई करने को लक्ष्य बनाना चाहिए।
नयी दिल्ली, 23 अगस्त पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया का मानना है कि अगर भारतीय फुटबॉल टीम महाद्वीप में अपना दमखम कायम करना चाहती है तो उसे एशियाई कप और युवा विश्व कप के लिए नियमित रूप से क्वालीफाई करने को लक्ष्य बनाना चाहिए।
भूटिया ने राष्ट्रीय टीम के लिए बेहतर खिलाड़ियों के विकास के लिए जमीनी स्तर पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) टेलीविजन से कहा,‘‘राष्ट्रीय टीम के लिए, हमें अच्छे स्तर के खिलाड़ियों को तैयार करना होगा। हमारे पास इस समय अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन अगर हम एशिया में सर्वश्रेष्ठ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं, तो हमें बड़े और बेहतर खिलाड़ियों को लगातार तैयार करते रहना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एआईएफएफ ने जमीनी स्तर पर बहुत ध्यान दिया है। हमें जमीनी स्तर को और मजबूत करने की जरूरत है। हम इस पर काम कर रहे हैं।’’
भूटिया ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय टीमों के लिए हमारा लक्ष्य एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) एशियाई कप और फीफा युवा विश्व कप के लिए नियमित रूप से क्वालीफाई करने का होना चाहिए।’’
भारत के इस पूर्व कप्तान के मुताबिक मैचों की संख्या में बढ़ोतरी और विदेशी दौरों ने हाल के वर्षों में भारतीय फुटबॉल टीम को अपनी रैंकिंग में सुधार करने में मदद की है।
भारत के लिए 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने भूटिया ने कहा कि 2011 में उनके संन्यास लेने के बाद बेहतर बुनियादी ढांचे ने टीम के विकास में मदद की।
उन्होंने कहा,‘‘ हमारे समय के मुकाबले खिलाड़ियों को अब बेहतर समर्थन, मंच और प्रतियोगिता के स्तर के साथ बढ़िया कोचिंग स्टाफ मिल रहा है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ हमारे समय के मुकाबले अब, राष्ट्रीय टीम के मैचों की संख्या में तीन - चार गुना बढोतरी हुई है।’’
मौजूदा कप्तान सुनील छेत्री से पहले भारत के लिए सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मौजूदा टीम की तुलना में हमें कम मैच खेलने को मिलते थे। क्वालीफिकेशन मैचों में अक्सर हमारा मुकाबला कड़ी टीमों के खिलाफ होता था। खिलाड़ियों को अब ज्यादा मैच खेलने को मिल रहे हैं। इससे वह समय के साथ बेहतर हो रहे हैं।’’
इस 43 साल के पूर्व खिलाड़ी ने 1995 में भारत के लिए पदार्पण किया था और गोल करने की क्षमता के कारण उन्हें ‘सिक्किमी स्नाइपर’ का नाम दिया गया था।
उन्होंने कहा कि 2014 में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के शुरू होने के बाद भारतीय फुटबॉल में काफी बदलाव आया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हीरो आईएसएल के शुरु होने के बाद आप देख सकते हैं कि बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण के मैदान, मैच, कोचिंग और खेल के मैदान की गुणवत्ता बहुत बढ़ गयी है।’’
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