मुंबई, पांच दिसंबर प्रीमियम ब्रांड खंड सहित मजबूत मांग से शराब उद्योग का राजस्व बढ़ रहा है और कच्चे माल की लागत में नरमी के बीच ‘डिस्टिलर्स’ और शराब बनाने वालों की परिचालन लाभप्रदता बढ़ने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गया है।
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, संगठित शराब उद्योग का राजस्व इस वित्त वर्ष में 12-13 प्रतिशत बढ़कर 4.45 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
कच्चे माल की लागत में नरमी के साथ ‘डिस्टिलर्स’ और शराब बनाने वालों की परिचालन लाभप्रदता 100-150 बीपीएस तक बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले तीन वित्त वर्षों में महत्वपूर्ण मांग के कारण मजबूत ‘बैलेंस शीट’ के साथ उनके ‘क्रेडिट प्रोफाइल’ पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
एजेंसी ने कहा कि रिपोर्ट सबसे बड़ी 33 शराब कंपनियों पर आधारित है, जिनकी संगठित शराब खंड के राजस्व में करीब 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
क्रिसिल रेटिंग्स के एक निदेशक राहुल गुहा ने कहा कि उच्च राजस्व वृद्धि पर्यटन तथा होटल उद्योगों में उछाल, बढ़ती खर्च योग्य आय और प्रीमियम ब्रांड की मांग से प्रेरित है।
प्रीमियम खंड जो प्रति 750 मिलीलीटर बोतल 1,000 रुपये से अधिक है। इसमें 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है।
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