कन्नूर (केरल), दो सितंबर केरल में जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) प्रमुखों के चयन को लेकर प्रदेश कांग्रेस में बढ़ते असंतोष के बीच, राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को राज्य के नेताओं को ‘‘सामूहिक नेतृत्व’’ की भावना की याद दिलायी।
वहीं पार्टी ने ओमन चांडी और रमेश चेन्नीथला सहित असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं को शांत कराने का प्रयास किया।
गांधी ने कन्नूर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर डिजिटल तरीके से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में, केरल में कांग्रेस ने सामूहिक नेतृत्व का एक शानदार उदाहरण स्थापित किया है। यह सामूहिक भावना कांग्रेस पार्टी के सच्चे लोकाचार को दर्शाती है।’’
गांधी ने हालांकि केरल कांग्रेस में संगठनात्मक मुद्दों का उल्लेख नहीं किया, लेकिन चांडी और चेन्नीथला की भावनाओं की कथित रूप से अनदेखी करके 14 जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों की घोषणा के बाद प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व में बढ़ते असंतोष के मद्देनजर उनका बयान महत्वपूर्ण है।
केरल कांग्रेस को 18 साल तक नियंत्रित करने वाले दोनों नेता केपीसीसी के नये नेताओं द्वारा डीसीसी अध्यक्षों के चयन के तरीके के खिलाफ खुलकर सामने आए थे, जिसमें इसके अध्यक्ष के सुधाकरन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन शामिल हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव (प्रभारी, केरल) तारिक अनवर ने दोनों नेताओं, चांडी और चेन्नीथला को केरल में ‘‘पार्टी का स्तंभ’’ बताया और कहा कि संगठनात्मक मामलों पर सभी निर्णय उनके साथ परामर्श से लिये जाएंगे।
पार्टी नेतृत्व ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि प्रदेश में पार्टी के संगठनात्मक मामलों में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सुधाकरन ही अंतिम निर्णय लेंगे।
सतीशन ने डीसीसी कार्यालय के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम ऐसे सभी मुद्दों को हल करते हुए आगे बढ़ेंगे। केरल में कांग्रेस के संगठन के मामलों में अंतिम निर्णय सुधाकरन का होगा।’’
चांडी और चेन्नीथला दोनों आनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए।
वेणुगोपाल ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए इन आरोपों को खारिज किया कि वह प्रदेश कांग्रेस में अपना खुद का समूह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वेणुगोपाल ने चांडी के नेतृत्व वाले 'ए' समूह और चेन्नीथला के नेतृत्व वाले 'आई' समूह के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मेरा कोई समूह नहीं है। यह (उनकी) कल्पना है। कांग्रेस मेरा गुट है और मेरे पास इससे आगे कुछ नहीं है।’’
दो समूह - "ए" और "आई" - वरिष्ठ नेता एवं दिवंगत के करुणाकरण और वरिष्ठ नेता एके एंटनी के समय से कांग्रेस की राज्य इकाई में सक्रिय हैं।
समूहों ने सोनिया गांधी से नये प्रदेश नेतृत्व के कामकाज की शैली के खिलाफ शिकायत की है।
डीसीसी प्रमुखों के चयन पर आलाकमान द्वारा लिए गए निर्णय को स्वीकार करने के लिए नेताओं से आग्रह करते हुए, वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उनकी शिकायतों को सुनने के लिए तैयार है।
संगठनात्मक सुधार के एक और दौर से पहले समूहों के बढ़ते दबाव के बीच, उन्होंने यह भी कहा कि चांडी और चेन्नीथला दोनों केरल में कांग्रेस का अभिन्न अंग हैं और सभी निर्णय उनसे परामर्श करने के बाद लिए जाएंगे।
सुधाकरन ने कहा कि चांडी और चेन्नीथला द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को "आलाकमान की अनुमति से" हल करने के लिए उनके पास एक "फॉर्मूला" है।
उन्होंने कहा कि केरल कांग्रेस में अपने नये नेतृत्व द्वारा बनाई जा रही नई योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ आगे बढ़ेगी। सुधाकरन ने कहा, ‘‘किसी को भी इससे दूर नहीं रखा जा सकता।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी नेता ए वी गोपीनाथ जिन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
केपीसीसी नेतृत्व के खिलाफ असंतोष की आवाज तेज होते ही कांग्रेस ने केपीसीसी सचिव पी एस प्रशांत को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, जिन्होंने आलाकमान को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया गया था कि एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल ‘‘भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।’’
पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने वाले नेताओं को कड़ा संदेश देते हुए कांग्रेस ने अपने दो वरिष्ठ नेताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पूर्व विधायक के शिवदासन नायर और केपीसीसी के पूर्व महासचिव के पी अनिल कुमार को भेजे गए नोटिस में केपीसीसी अध्यक्ष ने उन्हें सात दिनों में जवाब देने का निर्देश दिया है, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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