नयी दिल्ली, 15 दिसंबर बारह सदस्यों के निलंबन का फैसला वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दूसरी बार दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
पहली बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था का सवाल उठाते हुए आसन से पूछा कि उन्होंने सदस्यों का निलंबन का फैसला रद्द करने संबंधी एक नोटिस दिया है। इस क्रम में उन्होंने कुछ पूर्ववर्ती घटनाओं का भी उल्लेख किया।
इस पर उपसभापति हरिवंश ने व्यवस्था देते हुए कहा कि उनका नोटिस स्वीकार करने योग्य नहीं है और बगैर सभापति की अनुमति के वह इस प्रकार के नोटिस नहीं दे सकते हैं।
इसके बाद उपसभापति ने प्रश्नकाल आरंभ किया और वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी का नाम पुकारा।
इसी बीच, विपक्षी सदस्य आसन के निकट पहुंच गए और हंगामा व नारेबाजी करने लगे।
हंगामे के बीच ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राज्यों की बकाया राशि के सिलसिले में पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया।
केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री मंत्री नितिन गड़करी ने भी हंगामे और शोरगुल के बीच भारतीय जनता पार्टी के सदस्य प्रकाश जावड़ेकर के राष्ट्रीय राजमार्ग के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब दिए।
उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने का बार-बार अनुरोध किया।
उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘आप प्रश्नकाल चलने देना नहीं चाहते हैं। जवाब तैयार करने में मेहनत करनी होती है...उसमें पैसे खर्च होते हैं। आप दूसरों की स्वतंत्रता का अतिक्रमण ना करें। आसन के निकट आना, नारेबाजी करना और तख्तियां लहराना बिल्कुल अनुचित है और संसदीय परंपराओं के खिलाफ है।’’
इसके बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो उन्होंने 12 बजकर 28 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, आज उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो सका और कार्यवाही आरंभ होने के पांच मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद कांग्रेस के आनंद शर्मा ने विपक्षी सदस्यों के निलंबन का मुद्दा उठाना चाहा।
इसी दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों ने लखीमपुर खीरी हिंसा और इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट का मुद्दा भी उठाने की कोशिश की।
नायडू ने कहा कि उन्हें इस संदर्भ में कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव सहित कुछ सदस्यों के नोटिस प्राप्त हुए हैं जिन्हें उन्होंने अस्वीकार कर दिया है।
नायडू ने शून्यकाल शुरू कराया और बीजू जनता दल (बीजद) के सस्मित पात्रा को उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा। इसी बीच, कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कथित अशोभनीय आचरण के लिए शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए बारह सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
सभापति ने सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। इसी बीच, हंगामा कर रहे कुछ विपक्षी सदस्य आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करने लगे।
सभापति नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अपने स्थानों पर लौटने तथा सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करने की अपील की।
नायडू ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आप (विपक्षी सदस्य) तय करके आए हैं कि सदन को चलने नहीं देना है और सदन के अन्य सदस्यों को उनके अधिकारों से वंचित करना है। यह स्पष्ट है।’’
अपनी अपील का कोई असर नहीं होते देख नायडू ने 11 बज कर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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