नयी दिल्ली, 14 दिसंबर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने मंगलवार को अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर लोकसभा में सरकार को घेरते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है, हर जगह संकट की स्थिति है और सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार एअर इंडिया सहित कई सरकारी कंपनियों को बेच रही है जो जन सरोकारों के विपरीत है।
वहीं, भारतीय जानता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के काल में जहां अमेरिका, यूरोप सहित विकसित देशों का स्वास्थ्य ढांचा, अर्थव्यवस्था अब भी प्रभावित है, वहीं भारत में इन दोनों क्षेत्रों में स्थिति बेहतर हुई है।
भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने अर्थव्यवस्था, किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों सहित गरीबों के कल्याण के लिये सतत प्रयास किया है और इस अनुपूरक मांग में इसका स्पष्ट उल्लेख है।
निचले सदन में 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा की शुरूआत करते हुए हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि नोटबंदी और अब कोरोना वायरस महामारी की वजह से हमारे देश की अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है और हर जगह संकट की स्थिति है।
उन्होंने दावा किया कि ऐसे में सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है और वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत लंबी-चौड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगें इस बात का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शी आंकड़े और वास्तविक लक्ष्य रखने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार विनिवेश के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में विफल रही है। थरूर ने कहा कि एअर इंडिया के निजीकरण के बाद देश के करदाताओं पर बोझ पड़ेगा और लंबे समय तक इसकी परेशानियां झेलनी पड़ेंगी।
कांग्रेस सदस्य ने कहा कि महामारी से ग्रामीण इलाकों पर भी प्रभाव पड़ा है और ऐसे में अनुपूरक मांगों में मनरेगा के लिए 22,039 करोड़ रुपये की मांग अपर्याप्त है।
थरूर ने दावा किया कि वित्त मंत्री ने इस साल बजट में रक्षा क्षेत्र पर कुछ नहीं कहा था और अनुपूरक मांगों में भी रक्षा क्षेत्र के लिए कोई धन की अनुमति नहीं मांगी गयी है। उन्होंने कृषि क्षेत्र को भी नजरंदाज करने का आरोप लगाया।
वहीं, भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि कोरोना महामारी के काल में जहां अमेरिका, यूरोप सहित विकसित देशों का स्वास्थ्य ढांचा, अर्थव्यवस्था अब भी प्रभावित है, वहीं भारत में इन दोनों क्षेत्रों में स्थिति बेहतर हुई है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में विपक्ष को सरकार, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री की भी सराहना करनी चाहिए।
दुबे ने कहा कि एअर इंडिया की स्थिति पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की नीतियों एवं भ्रष्टाचार के कारण खराब हुई जो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान लाभ में चल रही थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार इससे उबरने में लगी है और इसी उद्देश्य से निजीकरण किया गया है।
दुबे ने कहा कि हम टाटा को कर्ज मुक्त कंपनी देना चाहते हैं।
उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की मांग करते हुए कहा कि ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी का कोई मालिक नहीं है और हम इसे रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि हम हवाला, पोर्नोग्राफी, और मादक पदार्थों का नियमन नहीं कर सकते।
भाजपा सांसद ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी का विधेयक लाने से पहले इसका आकलन करना चाहिए और प्रतिबंध लग जाए तो ठीक रहेगा।
दस्तावेज के अनुसार, इसमें 62 हजार करोड़ रूपये उस कंपनी में डालने के संबंध में है जो एअर इंडिया के निजीकरण के बाद उसकी शेष आस्तियां एवं देनदारियां रखेगी।
वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच के तहत 3,73,761 करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिये संसद की मंजूरी मांगी गई है। इसमें से निवल नकद व्यय के प्रस्तावों से संबंधित कुल व्यय 2,99,243 करोड़ रूपये है और सकल अतिरिक्त व्यय 74,517 करोड़ रूपये है जिसे मंत्रालयों/विभागों की बचत और बढ़ती हुई प्राप्तियों/वसूलियों से समतुल्य किया जायेगा।
इस राशि में उर्वरक सब्सिडी के लिये 58,430 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च, वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त योजना के लिये 2,000 करोड़ रूपये का खर्च तथा व्यय विभाग द्वारा विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत 53,000 करोड़ रूपये से अधिक खर्च शामिल हैं।
दस्तावेज के अनुसार, नागर विमानन मंत्रालय को 62,057 करोड़ रूपये दिये जाएंगे जो इक्विटी के रूप में एअर इंडिया एसेट होल्डिंग कंपनी (एआईएएचएल) को एअर इंडिया के बकाये और देनदारियों एवं पूर्व की सरकार के गारंटी प्रदत्त उधारी के भुगतान के लिये होगा।
गौरतलब है कि सरकार ने एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस एवं एआईएसएटीएस की बिक्री के लिये अक्तूबर में टाटा सन्स के साथ 18 हजार करोड़ रूपये में शेयर खरीद समझौता किया था।
दस्तावेज के अनुसार, उर्वरक सब्सिडी के तहत घरेलू एवं आयातित फॉस्फेट और पोटाश संबंधी उर्वरक के लिये 43,430 करोड़ रूपये और यूरिया सब्सिडी योजना के तहत 15 हजार करोड़ रूपये दिया जायेगा।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग को खाद्य भंडारण एवं गोदाम संबंधी विभिन्न योजना के खर्च को पूरा करने के लिये अतिरिक्त 49,805 करोड़ रूपये दिये जाएंगे।
वाणिज्य विभाग को सब्सिडी संबंधी व्यय को पूरा करने के लिये 2,400 करोड़ रूपये दिये जाएंगे। इसके अलावा रक्षा एवं गृह मंत्रालय के अतिरिक्त खर्च को पूरा करने के लिये क्रमश: 5,000 करोड़ रूपये और 4,000 करोड़ रूपये दिये जाएंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार ने 34.83 लाख करोड़ रूपये के कुल खर्च का अनुमान व्यक्त किया था।
जारी दीपक वैभव
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