नयी दिल्ली, 28 मार्च अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में मंगलवार को भी हंगामा किया जिसकी वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया तथा बैठक शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसी दौरान कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह पर लगे कारपोरेट जालसाजी और अन्य आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित किए जाने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्यों ने काले कपड़े पहने हुए थे।
कांग्रेस के कुछ सदस्य आसन के समक्ष भी आ गए तथा ‘‘मोदी अडाणी भाई भाई’’ के नारे लगाए। अन्य दलों के सदस्य अपने स्थानों से ही नारेबाजी करते देखे गए।
आवश्यक दस्तावेज रखवाते समय सभापति ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का नाम पुकारा। जब पुरी अपने नाम के आगे उल्लेखित दस्तावेज रखने लगे तभी विपक्षी सदस्यों का हंगामा बहुत तेज हो गया। हंगामा कर रहे सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर पुरी से माफी की मांग भी उठाई।
दस्तावेज रखवाने के बाद सभापति ने नियम 267 का जिक्र करते हुए कुछ कहना चाहा लेकिन हंगामे के कारण वह रुक गए। उन्होंने कहा कि वह व्यवस्था देंगे ।
उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की लेकिन अपनी बात का असर होते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों की शानदार उपलब्धि की सराहना करते हुए सदन में उन्हें बधाई दी गई।
सभापति धनखड़ ने बैठक शुरू होने पर कहा ‘‘ एक अच्छी खबर है। महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने सराहनीय प्रदर्शन किया और चार स्वर्ण सहित पांच पदक जीते हैं।’’
उन्होंने कहा कि निकहत ज़रीन, लवलीना बोरगोहेन, नीतू गंघास और स्वीटी बूरा ने अपनी उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित किया है और वह अपनी ओर से तथा पूरे सदन की ओर से इन महिला बॉक्सरों को बधाई देते हैं तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से कांग्रेस अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे। अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है।
मनीषा अविनाश
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