भुवनेश्वर, 21 अगस्त ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस सदस्यों के अलग-अलग मुद्दों पर हंगामे व नारेबाजी करने के कारण शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजद और कांग्रेस के सदस्य आसंदी के निकट आ गए और राज्य तथा केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
कांग्रेस सदस्यों ने जहां केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण के मुद्दे पर ‘आदिवासी और दलित विरोधी’ करार दिया, वहीं बीजद ने गंजम शराब त्रासदी की राजस्व संभागीय आयुक्त (आरडीसी) स्तर की जांच की मांग की। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 14 अन्य को जहरीली शराब पीने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया।
विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी के विपक्षी विधायकों को शांत कराने के प्रयास विफल रहे और विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच नारेबाजी करते रहे। सदन चलाने में असमर्थ होने पर, अध्यक्ष ने कार्यवाही पहले सुबह 11.30 बजे तक और बाद में शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचन्द्र कदम ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि क्रीमी लेयर के नाम पर अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों को आरक्षण से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार देश में वंचित लोगों के लिए आरक्षण खत्म करना चाहती है।
शराब त्रासदी पर बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार राज्य में जहरीली शराब के प्रसार को रोकने में विफल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे अवैध शराब कारोबार के नियमन का आश्वासन देकर सत्ता में आए। हालांकि, शराब त्रासदी हुई जहां एक व्यक्ति की मौत हो गई और जहरीली देशी शराब पीने के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।’’
बीजद नेता ने सरकार से शराब त्रासदी पर अब तक की जांच के बारे में सदन को अवगत करने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि शराब त्रासदी में कौन शामिल है। घटना की राजस्व संभागीय आयोग (आरडीसी) स्तर की जांच होनी चाहिए।’’
भाजपा विधायक मनोरंजन सामंतरे ने बीजद के आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि लोगों ने जिस शराब व्यापारी से शराब पी थी, वह भी बीजद शासन के दौरान इलाके में सक्रिय था।
उन्होंने कहा कि शराब से मौत के नाम पर राज्य की मोहन मांझी सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
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