विपक्ष के पास मोदी का विकल्प नहीं, इसलिए चुनावी बॉन्ड मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के हर फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. पार्टी ने विपक्षी दलों पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया.
नयी दिल्ली, 15 फरवरी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के हर फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. पार्टी ने विपक्षी दलों पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया. भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है क्योंकि उसके पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों से मुकाबले का कोई विकल्प नहीं है. भाजपा की यह प्रतिक्रिया लोकसभा चुनाव से पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद आई है. कोहली ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम अदालतों में वकालत करते हैं और रोजाना मामले जीते और हारे जाते हैं.’’
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के किसी भी आदेश या उसके फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए और उसका सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन जो राजनीतिक दल इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, वे मुख्य रूप से इस आधार पर ऐसा कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मोदीजी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का कोई जवाब या विकल्प नहीं है, जिनसे करोड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं.’’ कोहली ने कहा कि भारत अब 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ये राजनीतिक दल खुद ऐसी स्थिति में हैं कि जिस गठबंधन को वे बनाने की कोशिश कर रहे थे, वह लगभग खत्म हो रहा है या यह अपने पैरों पर खड़ा होने से पहले ही खत्म हो गया है.’’ यह भी पढ़ें : Kisan Maandhan Yojana: मोदी सरकार की किसान हितैषी योजनाएं, आर्थिक से लेकर सामाजिक विकास तक का रखा गया ध्यान
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इसका राजनीतिकरण करने का उनका कारण बहुत स्पष्ट है.’’ कोहली ने कहा कि सरकार चुनावों में काले धन के इस्तेमाल के मुद्दे के समाधान के लिए चुनावी बॉन्ड योजना लाई थी. भाजपा नेता ने कहा, ‘‘सबसे बड़ा परिप्रेक्ष्य यह है कि यह कई दशकों से चिंता का एक विषय रहा है कि काले धन या धन को चुनावी प्रक्रिया में आने से कैसे रोका जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘चंदा देने वालों की पहचान को ध्यान में रखते हुए एक (चुनावी बॉन्ड) योजना आई. उच्चतम न्यायालय ने माना है कि इस प्रारूप में यह योजना नहीं हो सकती थी. इसलिए, इसने कुछ निर्देश पारित किए हैं.’’ कोहली ने कहा कि शीर्ष अदालत ने ‘मूल रूप से’ आज कहा है कि चुनावी बॉन्ड से संबंधित जानकारी बाहर आनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के किसी भी आदेश या उसके फैसले को स्वीकार करना होगा.’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार के साथ-साथ सूचना के अधिकार का उल्लंघन करती है. शीर्ष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को आदेश दिया कि वह निर्वाचन आयोग को छह साल पुरानी योजना में योगदान देने वालों के नामों का खुलासा करे. विपक्षी दलों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि न्यायालय ने मोदी सरकार की ‘काला धन सफेद करने की’ योजना को रद्द कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और उच्चतम न्यायालय की बात सुनेगी ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहें.