विपक्ष ने बजट को ‘जनविरोधी’ बताया; भाजपा ने गांव, गरीब, महिलाओं को समर्पित बताया
Bharatiya Janata Party

नयी दिल्ली, 9 फरवरी: विपक्षी दलों ने आम बजट को ‘जनविरोधी’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय बजट में भविष्य को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है तथा मनरेगा सहित विभिन्न जन कल्याण योजनाओं के लिये आवंटन कम किया गया है.वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट पर निचले सदन में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से कराने की मांग भी की. वहीं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों को पक्के मकान, मुफ्त राशन, रसोई गैस सहित आम लोगों के कल्याण की योजनाओं को प्रतिबद्धता के साथ बढ़ाया है और बजट का लाभ गांव, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं सहित सभी वर्गों को मिल रहा है.

चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा, ‘‘इस बजट में भविष्य को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है. यह अवसरवादी और जनविरोधी बजट है.’’ रॉय ने आरोप लगाया कि कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल की उपेक्षा कर रही है, राज्य के लिए मनरेगा की राशि जारी नहीं की गई है. उन्होंने कहा, ‘‘मनरेगा का पैसा तत्काल जारी किया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो भी रेल परियोजनाएं हैं उन्हें पूरा किया जाना चाहिए. रॉय ने अडाणी समूह से जुड़े मामले के संदर्भ में कहा कि सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) को इसकी जांच करनी चाहिए. वहीं, भाजपा के सुधीर गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों को पक्के मकान, मुफ्त राशन, रसोई गैस सहित आम लोगों के कल्याण की योजनाओं को प्रतिबद्धता के साथ बढ़ाया है. यह भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश: फैक्टरी में तेल टैंक की सफाई करते समय सात कर्मियों की मौत, प्राथमिकी दर्ज

उन्होंने कहा कि पोषण अभियान का ही परिणाम है कि देश एनीमिया मुक्ति की दिशा में बढ़ रहा है और बजट में कृषि क्षेत्र को पर्याप्त तवज्जो दी गई है. गुप्ता ने कहा कि सरकार गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा का प्रबंध करने के साथ नवाचार, स्टार्टअप की रणनीति लाई, जिसका लाभ देश को मिल रहा है. भाजपा सदस्य ने कहा कि अगर स्वास्थ्य क्षेत्र की ही बात करें तब इस बार बजट में इस क्षेत्र को 86,200 करोड़ रूपये दिये गए हैं जो वर्ष 2012-13 में 37 हजार करोड़ रूपये था. गुप्ता ने कहा कि सरकार के इन प्रयासों का लाभ गांव, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं सहित सभी वर्गों को मिल रहा है.

चर्चा में हिस्सा लेते हुए शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बर्णे ने कहा कि यह समावेशी बजट है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने लक्षित लाभों के सार्वभौमीकरण के साथ ही कई योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू की हैं.

उन्होंने कहा कि यह बजट मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल का सबसे अच्छा बजट है जिसमें सभी वर्गों पर ध्यान दिया गया है. जदयू के महाबली सिंह ने कहा कि हर साल सरकारें बजट पेश करती हैं, लेकिन आजादी के बाद से आज तक देश के करोड़ों लोगों की तस्वीर नहीं बदली है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को केंद्र सरकार से इस बजट में राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने की पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद थी. सिंह ने कहा कि देश में जातीय जनगणना कराई जानी चाहिए और जातियों की आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी तय की जानी चाहिए.