डिब्रूगढ़/गोलाघाट (असम), 22 जुलाई असम में अलग-अलग मुठभेड़ में पुलिस का एक सिपाही, उल्फा (आई) के संदिग्ध सदस्य समेत कम से कम तीन लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पहली घटना डिब्रूगढ़ जिले के नाहरकटिया की है जिसमें एक व्यक्ति शारदा टी फैक्ट्री के अधिकारियों से कथित तौर पर यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) की ओर से अवैध वसूली करने आया था।
डिब्रूगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बितुल चेतिया ने बताया, ‘‘बदमाश पैसों से भरा बैग लेने वाला था तब पुलिस पहुंची गई लेकिन उसने भागने का प्रयास किया और इस क्रम में गोलियां भी चलाई। पुलिस ने भी जवाब में गोलियां चलाई और उसे पकड़ लिया गया।’’ आरोपी के पैर में गोली लगी है। उसे असम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वह पहले भी अवैध वसूली की घटनाओं में लिप्त रहा है और 2012 में उसे जेल भी भेजा गया था।
मई माह से अब तक कम से कम 15 संदिग्ध उग्रवादियों और अपराधियों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया, वहीं 27 आरोपी घायल हो गए।
इस बीच, उल्फा(आई) ने एक बयान जारी करके कहा है कि 15 मई को तीन महीने के एकतरफा संघर्षविराम की घोषणा के बाद से वह अवैध वसूली की किसी भी घटना में शामिल नहीं रहा है।
दूसरी घटना गोलाघाट के बोकाखाट में हुई। गैंडों के कुख्यात शिकारी थांगोचिन वी खामखोपाऊ जिसे 13 जुलाई को मणिपुर से गिरफ्तार किया गया था, उसने बुधवार शाम को हिरासत से भागने की कोशिश की जिसके कारण उसे पैर में गोली मारी गई। इस घटना में पुलिस का एक सिपाही भी घायल हुआ।
गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के बीच विपक्ष ने आरोप लगाया कि हिमंत बिस्व सरमा के शासन में पुलिस खुलेआम हत्याओं को अंजाम दे रही है। वहीं सरमा ने 15 जुलाई को विधानसभा में कहा था कि राज्य पुलिस को कानून के दायरे में रहते हुए अपराधियों से लड़ने की पूरी स्वतंत्रता है।
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