One Nation One Ration Card Scheme: मोदी सरकार ने एक देश, एक राशन-कार्ड योजना के तहत अतिरिक्त कर्ज के लिए राज्यों से 15 फरवरी तक प्रस्ताव मांगा

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासन से ‘ एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना के कार्यान्वन के लिए अतिरिक्त बाजार ऋण जुटाने के प्रस्ताव 15 फरवरी तक भेजने को कहा है।

राशन कार्ड (Photo Credits: PTI)

One Nation One Ration Card Scheme: केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासन से ‘ एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना के कार्यान्वन के लिए अतिरिक्त बाजार ऋण जुटाने के प्रस्ताव 15 फरवरी तक भेजने को कहा है. इस योजना के तहत राशन कार्डधारक अपने कोटे का राशन देश में किसी भी राज्य में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से ले सकते हैं जहां बिक्री ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक मशीन (ईपीओएस) के जरिए की जाती है. इसके लिए उंगली की छाप से पहचान (बॉयोमेट्रिक) की जाती है.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुंधाशु पांडे ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक बैठक की और इस योजना की प्रगति की समीक्षा की। सचिव ने सभी संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से ओएनओआरसी के तहत अतिरिक्त कर्ज जुटाने के लिए आवश्यक प्रस्ताव अपने विभाग में 15 फरवरी 2021 तक जमा कराने का आग्रह किया. यह भी पढ़े: Ration Card New Rules: अगर 3 महीने तक नहीं किया यह काम तो सरकार रद्द कर देगी आपका राशन कार्ड

उन्होंने राज्यों से इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) डिवाइसों की स्थापना करने, सभी लाभार्थियों के आधार लिंक, पीडीएस लेन-देन और पोर्टेबिलिटी लेन-देन के बायोमीट्रिक सत्यापन (दोनों अंतरराज्यीय और राज्यांतरिक) की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए कहा. बैठक में इस परियोजना के कार्यान्वन, इससे संबंधित जागरुकता योजनाओं और संचार रणनीतियों की प्रगति की समीक्षा की गयी राज्यों को इस योजना में प्रगति के आर पर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.25% के बराबर अतिरिक्त उधार लेने की छूट के दावे के लिए उनके प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा की.

ओएनओआरसी का उद्देश्य सभी प्रवासी लाभार्थियों को देश में कहीं भी अपने एनएफएसए खाद्यान्न/लाभों तक पहुंच के लिए सशक्त बनाना है। विज्ञप्ति के अनुसार वर्तमान में, यह प्रणाली 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मूल रूप से लागू है और इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 69 करोड़ लाभार्थी (86% एनएफएसए आबादी) को कवर करती है.

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