मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश पर चिराग पासवान ने कहा: जाति या धर्म के नाम पर किसी भी विभेद का समर्थन नहीं करता
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भोजनालयों के मालिकों से उनके नाम प्रदर्शित करने संबंधी मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश का खुलकर विरोध करते हुए कहा है कि वह जाति या धर्म के नाम पर भेद किए जाने का कभी भी समर्थन नहीं करेंगे.
नयी दिल्ली, 19 जुलाई : केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भोजनालयों के मालिकों से उनके नाम प्रदर्शित करने संबंधी मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश का खुलकर विरोध करते हुए कहा है कि वह जाति या धर्म के नाम पर भेद किए जाने का कभी भी समर्थन नहीं करेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश से सहमत हैं, पासवान ने ‘पीटीआई’ के संपादकों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘नहीं, मैं बिलकुल सहमत नहीं हूं.’’ उन्होंने पीटीआई के विशेष कार्यक्रम ‘4 पार्लियामेंट स्ट्रीट’ में यह भी कहा कि उनका मानना है कि समाज में अमीर और गरीब दो श्रेणियों के लोग मौजूद हैं तथा विभिन्न जातियों एवं धर्मों के व्यक्ति इन दोनों ही श्रेणियों में आते हैं.
उनसे पहले भाजपा की दो अन्य सहयोगी पार्टियां जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय लोक दल भी मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश का खुलकर विरोध कर चुकी हैं. पासवान ने कहा, ‘‘हमें इन दोनों वर्गों के लोगों के बीच की खाई को पाटने की जरूरत है. गरीबों के लिए काम करना हर सरकार की जिम्मेदारी है, जिसमें समाज के सभी वर्ग जैसे दलित, पिछड़े, ऊंची जातियां और मुस्लिम भी शामिल हैं. समाज में सभी लोग हैं. हमें उनके लिए काम करने की आवश्यकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब भी जाति या धर्म के नाम पर इस तरह का विभेद होता है, तो मैं न तो इसका समर्थन करता हूं और न ही इसे प्रोत्साहित करता हूं. मुझे नहीं लगता कि मेरी उम्र का कोई भी शिक्षित युवा, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म से आता हो, ऐसी चीजों से प्रभावित होता है.’’ लोकसभा के लिए तीसरी बार चुने गए 41 वर्षीय पासवान ने खुद को 21वीं सदी का एक शिक्षित युवा बताया, जिसकी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ है. यह भी पढ़ें : गुलदार के हमले में एक किशोर की मौत, वन विभाग ने उसे पिंजरे में किया कैद
पासवान ने अपने गृह राज्य बिहार के पिछड़ेपन के लिए इन कारकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जातिवाद एवं सांप्रदायिकता ने बिहार को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से बोलने का साहस रखते हैं, क्योंकि वह इन चीजों पर विश्वास नहीं करते हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग में शामिल जनता दल (यूनाइटेड) भी मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश की आलोचना कर चुका है. जद (यू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘यह फरमान प्रधानमंत्री मोदी की ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’’ वाली अवधारणा के विरूद्ध है. इससे सांप्रदायिक विभाजन होता है.’’