नयी दिल्ली, नौ दिसंबर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दिलीप पांडे ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट काटे जाने से पार्टी से नाराजगी की अटकलों को सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक पत्र में विधानसभा में ‘आप’ के मुख्य सचेतक ने कहा कि उन्होंने बोलने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उनकी चुप्पी से कई कयास उत्पन्न हो सकते हैं।
‘आप’ ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 20 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की, जिसमें पांडे सहित 18 मौजूदा विधायकों के नाम नहीं हैं।
इससे कुछ दिन पहले शुक्रवार को तिमारपुर से विधायक पांडे ने अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने के संकेत दिये थे।
पार्टी ने हाल में भाजपा छोड़ने वाले सुरेन्द्र पाल सिंह बिट्टू को तिमारपुर से मैदान में उतारा है।
पांडे ने कहा, “ कल मैंने देखा, अचानक से एक अभियान शुरू हो गया, जिसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि मैं पार्टी या अपने नेता अरविंद जी के प्रति असंतोष और नाराज़गी से भरा हूं।”
उन्होंने कहा, “ ये पढ़कर पहले तो मुझे हंसी आई और लगा की इसे नज़रअंदाज़ कर दूं। मगर मेरी चुप्पी के भी कई कयास लगाए जा सकते हैं, इसलिए यह बड़े अफसोस के साथ लिखना पड़ रहा है।”
पांडे ने कहा, “मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।’’ उन्होंने रेखांकित किया उन्होंने पार्टी में सामान्य कार्यकर्ता से लेकर तिहाड़ जेल और फिर विधानसभा जाने तक का सफर तय किया है।
‘आप’ के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने पांडे के पत्र को ‘एक्स’ पर पुनः पोस्ट किया।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा, “ अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम के बीच का रिश्ता पारंपरिक राजनीति के ‘पद, पैसा और प्रतिष्ठा’ से परे है। इसे वे कभी नहीं समझ सकते जिनकी राजनीति इन्हीं तक सीमित है।”
‘आप’ ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में विधानसभा की 70 में से 67 और 2020 के चुनाव में 62 सीट जीती थीं।
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