ओडिशा सरकार ने मरीजों के इलाज से मना करने पर अस्पतालों के लाइसेंस रद्द करने की दी चेतावनी
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भुवनेश्वर, दो मई ओडिशा सरकार ने सभी अस्पतालों, क्लीनिकों, विशेष रूप से निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों के लिए एक चेतावनी जारी की है जिसके अनुसार गैर कोविड-19 मरीजों को इलाज के लिए मना करने पर संस्थान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने शुक्रवार को एक आदेश में कहा कि अधिकारियों के संज्ञान में आया है कि निजी क्षेत्र के कुछ अस्पताल अपने नियमित रोगियों को डायलिसिस, रक्त आधान, कीमोथेरेपी और संस्थागत प्रसव जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में आनाकानी कर रहे हैं।

आदेश में कहा गया है कि कुछ अस्पताल और क्लीनिक इस डर से बंद हैं कि उनके कर्मचारी संदिग्ध कोविड-19 रोगी के संपर्क में आ सकते हैं। कई संस्थान इलाज करने से पहले कोविड-19 की जांच कराने पर जोर दे रहे हैं।

आदेश के अनुसार, ‘‘यह स्वीकार्य नहीं है। सभी निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक गैर-कोविड ​​अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार संदिग्ध कोविड-19 रोगियों को निर्दिष्ट पृथक इकाई में रखा जाए। ​​रोगियों की हालत स्थिर होने के बाद उन्हें कोविड-19 की सुविधा वाले अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आदेश का पालन न करने पर मामले को संज्ञान में लिया जाएगा और कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उस अस्पताल / नर्सिंग होम का पंजीकरण रद्द करना भी शामिल है। यह बिना किसी नोटिस के किया जा सकता है।”

भुवनेश्वर में कई निजी अस्पतालों द्वारा इलाज करने से इंकार करने पर 27 अप्रैल को कथित तौर पर एक मरीज की मौत होने का मामला सामने आया था। उसके बाद ही यह आदेश जारी किया गया।

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