सत्तारूढ़ और विपक्षी विधायकों के एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी के कारण ओडिशा विधानसभा स्थगित
भारतीय जनता पार्टी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

भुवनेश्वर, 7 दिसंबर : सत्तारूढ़ बीजू जनता दल और विपक्षी दलों - भाजपा और कांग्रेस - दोनों के सदस्य मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में अध्यक्ष की कुर्सी के समीप पहुंच गए और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की जिससे विधानसभा अध्यक्ष एस एन पात्रो को शाम चार बजे तक कार्यवाही स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा. प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सभी दलों के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. कालाहांडी महिला शिक्षक अपहरण और हत्या मामले में मुख्य आरोपी के साथ कथित संबंध के लिए विपक्षी भाजपा सदस्य सदन के बीचों-बीच घंटा बजाने लगे वहीं कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी की और गृह राज्य मंत्री डीएस मिश्रा को हटाने और गिरफ्तार करने की मांग की.

सत्तारुढ़ बीजद सदस्य भी इसमें शामिल हो गए जब उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर 'गंगा जल' छिड़का और अपने अहंकार को त्यागकर चर्चा के लिए आने को कहा. यह पहली बार है जब ट्रेजरी बेंच के सदस्यों ने सदन के बीचों-बीच प्रदर्शन किया. सदन में घंटे की आवाज और नारों की गूंज के कारण, अध्यक्ष एस एन पात्रा ने बीजद सदस्यों सहित अन्य सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने की बार-बार की अपनी अपील का असर न होने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल को दी 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात

यह लगातार छठे दिन है जब विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई. अध्यक्ष ने महिला शिक्षिका हत्याकांड पर विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर चर्चा के लिए कांग्रेस का नोटिस स्वीकार कर लिया था. संसदीय कार्य मंत्री बी के अरुखा मुख्यमंत्री की ओर से बहस का जवाब देने वाले थे, जो गृह विभाग के प्रभारी भी हैं. लेकिन सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित होने के कारण चर्चा नहीं हो सकी.