देश की खबरें | ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बंगाल चक्रवात ‘जवाद’ को लेकर तैयार, एनडीआरएफ ने तैनात की टीम

भुवनेश्वर/नयी दिल्ली/कोलकाता, तीन दिसंबर चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ के शुक्रवार को ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने और ओडिशा के पुरी जिले में इसके पहुंचने से पहले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी 64 टीम तैयार रखी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

चक्रवात से पश्चिम बंगाल के भी प्रभावित होने की संभावना है।

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी. के. जेना ने बताया कि चक्रवाती तूफान के बंगाल की खाड़ी से बाहर जाने से पहले ओडिशा के पुरी जिले में किसी स्थान पर पहुंचने की संभावना है।

उन्होंने भुवनेश्वर में संवाददाताओं से कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा बताये गये चक्रवात के संभावित मार्ग के मुताबिक यह पुरी तट पर दस्तक दे सकता है और समुद्र में लौट सकता है। उन्होंने बताया कि चक्रवात के जिले में पहुंचने के साथ 80 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि चक्रवात के ओडिशा तट को छूने के बाद रफ्तार में क्रमिक रूप से कमी आ सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की भी संभावना है कि चक्रवात अपना रास्ता बदल ले और ओडिशा में नहीं पहुंचे। यह महज तट रेखा के ऊपर से गुजर सकता है और पुरी इसके घर्षण प्रभाव का सामना कर सकता है। ’’

एनडीआरएफ महानिदेशक अतुल करवाल ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि जोखिम वाले इलाकों में 46 टीम तैनात कर दी गई है या उन्हें वहां तैयार रखा गया है, जबकि 18 टीम को रिजर्व रखा गया है।

संवाददाता सम्मेलन में उनके द्वारा साझा किये गये तैनाती नक्शे के मुताबिक 46 टीम में 19 पश्चिम बंगाल में, ओडिशा में 17, आंध्र प्रदेश में 19 के अलावा तमिलनाडु में सात और अंडमान निकोबार में दो टीम रखी गई है। स्थानीय अधिकारियों के साथ परामर्श पर उन्हें तैनात किया जाएगा।

एनडीआरएफ की एक टीम में 30 कर्मी होते हैं जो ‘पोल कटर’, इलेक्ट्रिक आरी, नौका और कुछ अन्य राहत एवं बचाव उपकरण से लैस होते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति से निपटने की तैयारियों की बृहस्पतिवार को समीक्षा की थी। उन्होंने अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया था।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि चक्रवात के शनिवार को सुबह उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट के पास पश्चिमी-मध्य बंगाल की खाड़ी पहुंचने की संभावना है। इसके बाद यह ओडिशा और निकटवर्ती आंध्र प्रदेश के तट के पास उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ेगा और पांच दिसंबर को दोपहर तक पुरी के आसपास के तट पर पहुंचेगा।

चक्रवात का नाम 'जवाद' सऊदी अरब ने प्रस्तावित किया है।

आईएमडी के महानिदेशक ने बताया कि 30 नवंबर को अंडमान सागर के ऊपर हवा का कम दबाव का एक क्षेत्र बना था। यह दो दिसंबर को अवदाब में और शुक्रवार सुबह एक गहरे अवदाब में बदल गया। आईएमडी ने बताया कि यह शुक्रवार को दोपहर तक चक्रवात में तब्दील हो गया।

उन्होंने बताया कि चक्रवात से उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और इससे लगे दक्षिणी तटीय ओडिशा में शुक्रवार की शाम तक बहुत भारी वर्षा शुरू होने की संभावना है तथा शनिवार को बारिश की तीव्रता बढ़ने के आसार हैं।

आईएमडी ने शनिवार और रविवार को पश्चिम बंगाल में छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने तथा रविवार और सोमवार को असम , मेघालय व त्रिपुरा में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है।

शुक्रवार से रविवार तक मध्य एवं उत्तर बंगाल की खाड़ी में मछुआरों के लिए समुद्री मौसम असुरक्षित रहेगा।

मौसम विभाग ने कहा कि 65 किमी प्रति घंटा की गति से उत्तरी आंध्र प्रदेश तट और ओडिशा तट पर शनिवार की शाम से अगले 12 घंटे तक तेज हवाएं चल सकती हैं।

महापात्र ने बताया कि चक्रवाती तूफान अस्थायी अवधि के लिए समुद्र में बड़े तूफान में तब्दील हो जाएगा तथा 110 किमी प्रति घंटा की गति से हवाएं चलेंगी।

पश्चिम बंगाल के तट पर शुक्रवार की शाम से 65 किमी प्रति घंटा की गति से हवाएं चलने की संभावना है। हवा की गति रविवार को सुबह से अगले 12 घंटों तक 80 किमी प्रति घंटा हो सकती है।

इस बीच, बंगाल का दक्षिण हिस्सा भी चक्रवात के चलते होने वाली भारी से बहुत भारी और तेज हवाओं से निपटने के लिए तैयारी में जुटा हुआ है।

पश्चिम बंगाल सरकार के एक अधिकारी ने कोलकाता में बताया कि एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल की टीम तटीय इलाकों में जोखिम वाले स्थानों पर तैनात की गई हैं ताकि समय पर बचाव व राहत अभियान चलाया जा सके।

एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि तटरक्षक को मछली पकड़ने वाली सैकड़ों नौकाओं को समुद्र से वापस लाने में मदद करने को कहा गया है।

पश्चिम बंगाल सरकार निचले इलाकों , विशेष रूप से दक्षिण 24 परगना और पूरब मेदिनीपुर जिलों से लोगों को निकालकर ऊंचे व सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

इस बीच, पुरी जिले में जारी एक नृत्य उत्सव और एक अन्य कार्यक्रम को शुक्रवार को बंद कर दिया गया। सूर्य मंदिर में कोणार्क उत्सव और चंद्रभागा तट पर रेत कला उत्सव का आयोजन बुधवार से हो रहा था तथा रविवार को संपन्न होने वाला था। राज्य के पर्यटन विभाग ने तत्काल प्रभाव से इन्हें बंद कर दिया।

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