देश की खबरें | ओबीसी समुदाय को मिल रहा है आरक्षण का 'अतिरिक्त लाभ' : मनोज जरांगे

मुंबई, 18 अक्टूबर महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण के मुद्दे को केंद्र में लाने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को आरोप लगाया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को आरक्षण का 'अतिरिक्त लाभ' मिल रहा है।

मनोज जरांगे ने यहां एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को पिछड़े वर्गों के लिए मंडल आयोग द्वारा अनुशंसित आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।

जरांगे पहले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर जालना जिले में भूख हड़ताल पर थे। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा उनसे मुलाकात करने और उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन देने के बाद 14 सितंबर को 17वें दिन अपना अनशन समाप्त कर दिया था।

जरांगे (40) ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण लागू करने के वास्ते कदम उठाने के लिए शिंदे सरकार को 40 दिन की समय सीमा दी थी।

वह मांग कर रहे हैं कि मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जाए ताकि उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके। हालांकि, राज्य में ओबीसी समुदाय के नेताओं ने इस मांग का विरोध किया है।

जरांगे ने दावा करते हुए कहा, ‘‘ सरकार ने मंडल आयोग का गठन किया और आरक्षण की सीमा 14 प्रतिशत निर्धारित कर दी। बाद में उसने इस सीमा को 30 से 32 प्रतिशत तक कैसे बढ़ा दिया? अगर हमें (मराठों को) ओबीसी में शामिल किया जाता है, तो इससे उनके आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ पूर्व में आरक्षण सूची में शामिल अन्य समुदायों ने कोई कागजात या दस्तावेज पेश नहीं किये। लेकिन, जब मराठों की बात आती है, तो आरक्षण का लाभ पाने के लिए हमसे कई दस्तावेज और कागजात जमा करने के लिए कहा जाता है। ओबीसी समुदाय को आरक्षण का जरूरत से ज्यादा लाभ मिल रहा है। ’’

मनोज जरांगे ने कहा, ‘‘ सभी मराठा कुनबी हैं, क्योंकि उनका व्यवसाय कृषि है। विदर्भ में कुनबी समुदाय को आरक्षण मिलता है। मेरी मांग है कि सरकार राज्य के सभी मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र दे। ’’

कुनबी (कृषि से जुड़ा समुदाय) को महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है और वे इसके तहत आरक्षण का लाभ लेते हैं।

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