अमेरिका के साथ अपने टकराव के बीच दोनों देश आपसी सहयोग मजबूत करने पर काम कर रहे हैं। पिछले हफ्ते मॉस्को में पुतिन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री चो सोन हुई की बैठक के बाद उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने पुतिन की यात्रा का उल्लेख किया।
सरकारी मीडिया ने मंत्रालय के बयान का हवाला देते हुए कहा कि दोनों देश अमेरिका के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने के अपने प्रयासों के संदर्भ में ‘‘नयी बहु-ध्रुवीकृत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था’’ स्थापित करने के लिए रूस के साथ आगे रणनीतिक और सामरिक सहयोग पर सहमत हुए।
पुतिन ने सितंबर में रूस के सुदूर पूर्व में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ अपनी मुलाकात के दौरान किसी सुविधाजनक समय पर उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग का दौरा करने की इच्छा व्यक्त की थी।
यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में पुतिन का खुले तौर पर समर्थन करने वाले दुनिया के कुछ नेताओं में से एक किम राजनयिक अलगाव से बाहर निकलने के प्रयास में रूस के साथ अपने संबंधों को बढ़ा रहे हैं।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक अलग बयान में देश के हालिया बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण को लेकर एक आपात बैठक बुलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की निंदा की।
मंत्रालय ने कहा कि 14 जनवरी को किया गया परीक्षण अपनी रक्षा क्षमताओं में सुधार के लिए देश की नियमित गतिविधियों में से एक था और इससे उसके पड़ोसियों को कोई खतरा नहीं है।
सरकारी मीडिया द्वारा प्रकाशित टिप्पणियों में उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चो सोन और रूसी अधिकारियों ने अपनी बैठकों में ‘‘दोनों देशों के हितों की रक्षा में रणनीतिक और सामरिक सहयोग मजबूत करने और एक नयी बहु-ध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था स्थापित करने की दृढ़ इच्छाशक्ति’’ जतायी।
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