जरुरी जानकारी | गैर-खाद्य ऋण की वृद्धि दर अक्टूबर में कम होकर 5.6 प्रतिशत

मुंबई, 27 नवंबर गैर-खाद्य ऋण की वृद्धि दर अक्टूबर 2020 में कम होकर 5.6 प्रतिशत पर आ गयी। साल भर पहले अक्टूबर महीने में यह दर 8.3 प्रतिशत रही थी। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली है।

अनाज की खरीद के लिये सरकारी निगमों को जो कर्ज दिया जाता है, उन्हें खाद्य ऋण कहा जाता है। इनके अलावा शेष सभी ऋण को गैर-खाद्य ऋण कहा जाता है।

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रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों को दिये गये ऋण की वृद्धि दर इस दौरान साल भर पहले के 7.1 प्रतिशत से बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर चली गयी।

इस दौरान उद्योग को दिये गये ऋण में 1.7 प्रतिशत की गिरावट आयी, जबकि साल भर पहले इसमें 3.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी। इसका मुख्य कारण बड़े उद्योगों के ऋण उठाव में 2.9 प्रतिशत की गिरावट आना है। साल भर पहले अक्टूबर में बड़े उद्योगों के ऋण उठाव में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि रही थी। हालांकि इस दौरान मध्यम उद्येागों के ऋण में 16.7 प्रतिशत की शानदार वृद्धि रही। साल भर पहले यह दर महज 1.2 प्रतिशत थी।

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उद्योग जगत में खाद्य प्रसंस्करण, पेट्रोलियम, कोयला उत्पादों व परमाणु ईंधन, चमड़े और चमड़े के उत्पादों, कागज और कागज उत्पादों तथा वाहनों, वाहन कल-पुर्जों और परिवहन उपकरणों के कर्ज में साल भर पहले की तुलना में वृद्धि दर अधिक रही।

हालांकि इस दौरान पेय और तंबाकू, रबर प्लास्टिक और उनके उत्पादों, रासायनिक और रासायनिक उत्पादों, सीमेंट और सीमेंट उत्पादों, सभी इंजीनियरिंग, जवाहरात और आभूषण, बुनियादी ढांचे और निर्माण आदि के कर्ज में गिरावट आयी।

इससे पहले सितंबर 2020 में उद्योगों के ऋण में शून्य वृद्धि रही थी।

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