भोपाल / खरगोन, तीन मई मध्यप्रदेश के हिंसा प्रभावित शहर खरगोन में प्रशासन ने मंगलवार को कर्फ्यू में ढील नहीं देने का फैसला किया है और लोगों से ईद-उल-फितर एवं अक्षय तृतीया का त्योहार घर पर ही मनाने के लिये कहा है।
खरगोन में दस अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी, जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
एक अधिकारी ने कहा कि खरगोन में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है और शहर के सभी धार्मिक स्थल मंगलवार को बंद रहेंगे।
उपमंडल दंडाधिकारी मिलिंद ढोके ने सोमवार रात को पत्रकारों से कहा कि शहर में शांति और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी समुदायों के लोग अपने घरों में त्योहार मनाने के लिए सहमत हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि इससे पहले प्रशासन ने दो और तीन मई को 24 घंटे के कर्फ्यू की घोषणा की थी लेकिन सोमवार को नौ घंटे के लिए इसमें ढील दी गई।
रविवार रात इंदौर के संभागीय आयुक्त पवन शर्मा और पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता ने खरगोन पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
खरगोन के प्रभारी पुलिस अधीक्षक (एसपी) रोहित काशवानी ने पत्रकारों को बताया कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए चलित इकाइयों सहित अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि शहर में स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे और 171 सीसीटीवी लगाए गए हैं, साथ ही कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के लिए अस्थाई जेल भी बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे तथा शहर में फ्लैग मार्च किया गया है।
उन्होंने कहा कि दमकल और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को भी तैयार रहने के लिये कहा गया है।
मुस्लिम समुदाय के पवित्र माह रमजान की समाप्ति पर ईद-उल-फितर देश भर में मंगलवार को मनाया जा रहा है।
नए उद्यम, विवाह और सोने में निवेश की शुरुआत के लिए शुभ माना जाने वाला अक्षय तृतीया का त्योहार और परशुराम जयंती भी मंगलवार को मनाई जा रही है।
दस अप्रैल को हुई हिंसा के बाद खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया था। 14 अप्रैल से स्थानीय प्रशासन प्रतिदिन कुछ घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दे रहा है।
सं दिमो
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