चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को खालिस्तान की अवधारणा को खारिज करते हुये जोर देकर कहा कि कोई भी सिखों के लिए अलग राज्य नहीं चाहता है. इसके साथ ही कैप्टन ने पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों से प्राप्त धन राशि उन्हें वापस किये जाने की भी मांग की और कहा कि वह सामाजिक मेल जोल के मानदंड के पालन के साथ करतारपुर गलियारा खोले जाने के पक्ष में हैं.
यह भी पढ़े | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल शाम 4 बजे राष्ट्र को करेंगे संबोधित.
कैप्टन ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि मौजूदा समय में कोई भी खालिस्तान नहीं चाहता है. इसके साथ ही उन्होंने अकाल तख्त जत्थेदार के हाल ही में दिये गये उस बयान को खारिज कर दिया जिसमें जत्थेदार ने कहा था कि 'अगर सरकार खालिस्तान की पेशकश करती है तो सिख समुदाय उसे स्वीकार कर लेगा.'खालिस्तान के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, “देश में रहने वाले सिख खुशहाल जीवन जी रहे हैं. वे क्यों खालिस्तान चाहेंगे? कोई यह नहीं चाहता और मैं भी यह नहीं चाहता.’’
उन्होंने कहा कि हर सिख हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए खड़ा रहा है. सिंह ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि हमारे यहां कितने सिख सैनिक हैं? वे देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं. हम अपने देश के लिए लड़ते हैं और यह हमारा देश है.” अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने छह जून को कहा था, "अगर सरकार पेशकश करती है तो सिख समुदाय सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान को स्वीकार कर लेगा."भारत चीन के मध्य सीमा पर जारी तनाव के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र की राजग सरकार से कहा कि पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों से प्राप्त दान को वह उन्हें वापस कर दे. कांग्रेस नेता ने कहा, 'मुझे लगता है कि चीन के खिलाफ हमें सख्त रूख अपनाना चाहिये. मुझे नहीं लगता कि जब हमारे लड़के (सैनिक) मारे जा रहे हैं तब हम चीनी (कंपनियों से) पैसा ले सकते हैं.'
लद्दाख में 15—16 जून की दरम्यानी रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे. मुख्यमंत्री ने कुछ चीनी कंपनियों के नाम भी लिये जिन्होंने पीएम केयर्स फंड में दान दिया है.
उन्होंने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि कितना पैसा आया है . ऐसे समय में, जब वे (चीन) कोविड के लिये और मेरे देश के खिलाफ आक्रामकता के लिये जिम्मेदार हैं, तो चीनी कंपनियों से हम एक रुपया भी नहीं ले सकते हैं.' कैप्टन ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह वह समय है जब हमें चीनी कंपनियों से प्राप्त धन, को उन्हें वापस लौटा देना चाहिये. भारत को अपनी देख रेख करने के लिये चीन के पैसों की आवश्यकता नहीं है.' करतारपुर गलियारे से संबंधित एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच सामाजिक मेल जोल की दूरी के मानदंडों के पालन के साथ वह करतारपुर गलियारा खोले जाने के पक्ष में हैं.
करतारपुर गलियारे को कोरोना वायरस महामारी के आलोक में अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि करतारपुर गलियारा खुले. वहां सामाजिक मेल जोल से दूरी का ध्यान रखा जा सकता है. अगर इस मुद्दे पर उनसे पूछा गया तो वह इस गलियारे को फिर से खोलने की सलाह देंगे.' कैप्टन ने कहा, 'अगर मुझसे पूछा जाये तो मैं इसे सामाजिक मेल जोल की दूरी के मानदंडों के पालन के साथ इसे खोलने की सलाह दूंगा.' उन्होंने हालांकि, कहा कि भारत सरकार इतने कम समय में इस गलियारे को खोलने पर राजी नहीं हो सकती है. पिछले साल नवंबर में भारत एवं पाकिस्तान ने इस गलियारे को खोला था जो भारत में गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान स्थित गुरद्वारा करतारपुर साहिब को जोड़ता है.
करतारपुर साहिब गुरद्वारा रावी नदी के पार पाकिस्तान के नोरोवाल जिले में स्थित है. यह पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल यहीं बिताये थे. इस बीच मुख्यमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी विनी महाजन की मुख्य सचिव के तौर पर नियुक्ति का बचाव करते हुये कहा कि यह निरंतरता सुनिश्चित करने के लिये है और वह 2022 तक सरकार के कार्यकाल तक इस पद पर रह सकती हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है कि पति और पत्नी साथ मिल कर क्रमश: राज्य के पुलिस प्रमुख एवं मुख्य सचिव के तौर पर काम करें.
विनी महाजन के पति दिनकर गुप्ता अभी पंजाब के पुलिस महानिदेशक हैं.
कैप्टन ने महाजन की नियुक्ति के बाद उन आलोचनाओं को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि पांच वरिष्ठ अधिकारियों के वरिष्ठता क्रम की अनदेखी करते हुये यह नियुक्ति की गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पांचों अधिकारी 2022 में सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से पहले अवकाश ग्रहण करेंगे. कैप्टन ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मेरे पास महाजन के अलावा कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं था जो 2022 तक इस पद पर बना रहे सके । वह सर्वाधिक योग्य अधिकारियों में से एक हैं.' मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रमुख पदों पर पति पत्नी की नियुक्ति की आलोचना को भी खारिज कर दिया. उन्होंने बीते दिनों को याद करते हुये कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब सरला ग्रेवाल उनकी प्रधान सचिव थीं, जबकि उनके पति एस एस ग्रेवाल कैबिनेट सचिव थे.
उन्होंने कहा, 'आपके यहां एक पुलिस महानिदेशक एवं एक मुख्य सचिव क्यों नहीं हो सकते हैं. मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता है.’ महाजन पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव हैं. मुख्य सचिव के रूप में महाजन की नियुक्ति पर विपक्ष के पूर्व नेता सुखपाल सिंह खैरा ने सवाल उठाते हुये कहा था कि पांच अधिकारियों की वरिष्ठता क्रम की अनदेखी करते हुये यह नियुक्ति की गयी है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)