कोलकाता, 17 जनवरी कलकत्ता उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने मंगलवार को कहा कि जब तक न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की अदालत के समक्ष प्रदर्शन के मामले में जारी अवमानना संबंधी वाद की सुनवाई नहीं हो जाती तब तक अदालत परिसर या बाहर कहीं भी इस मुद्दे पर किसी बैठक, जुलूस या तख्ती दिखाने की अनुमति नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि कुछ वकीलों व अन्य लोगों ने नौ जनवरी को न्यायमूर्ति मंथा द्वारा पारित कुछ आदेशों को लेकर उनकी अदालत के समक्ष प्रदर्शन किया था।
इसके साथ ही दक्षिण कोलकाता के जोधपुर पार्क स्थित उनके आवास की सुरक्षा दीवार पर कुछ अपमानतजनक पोस्टर चस्पा किए गए थे।
पीठ ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को अदालत के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसमें जानकारी हो कि किसने पोस्टर का मुद्रण करवाया और उन्हें चस्पा कराने वाले कौन थे।
पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति मंथा द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर शुरू अवमानना की कार्यवाही पर दो फरवरी को सुनवाई होगी।
मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने 10 जनवरी को स्वत: संज्ञान लेकर न्यायमूर्ति मंथा द्वारा जारी अवमानना मामले की सुनवाई हेतु 12 जनवरी को तीन सदस्यीय विशेष पीठ का गठन किया था।
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