बेंगलुरु, सात फरवरी अब कोई एकीकृत वैश्विक ऊर्जा बाजार नहीं है और न ही ऊर्जा सुरक्षा अब अंतरराष्ट्रीय मामला है। कीमतों में उतार-चढ़ाव को थामने तथा शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन की ओर आसानी से आगे बढ़ने के लिए देशों के साथ आने को लेकर चर्चा के बीच रूस की ऊर्जा कंपनी रोसनेफ्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) इगोर सेचिन ने यह बात कही है।
सेचिन ने ‘भारत ऊर्जा सप्ताह’ के दौरान कहा कि बाजार कारोबार के सभी सिद्धांत ध्वस्त हो गये हैं और बाजार के जरिये कीमत निर्धारण तथा अनुबंध कानून समाप्त हो गये हैं।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर कुछ पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाये हैं। यूरोप के कुछ देशों ने अनुबंधित प्राकृतिक गैस की खरीद रोक दी है। रूसी कच्चे तेल को छोड़ दिया गया। इसे रूस में कच्चे तेल के दाम नरम पड़े हैं। रूसी कच्चे तेल का कारोबार 40 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक की छूट पर हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘अब कोई वैश्विक ऊर्जा बाजार नहीं है और ऊर्जा सुरक्षा का मामला अंतरराष्ट्रीय नहीं है।’’
सेचिन ने कहा कि कई प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों ने जो पाबंदियां लगाईं और दबाव बनाया, उसके मुकाबले रूस को इसका उल्लेखनीय परिणाम मिला है।
उन्होंने कहा, ‘‘उन कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप बाजार व्यापार के सभी सिद्धांत ध्वस्त हो गये हैं। वास्तव में, बाजार मूल्य निर्धारण और अनुबंध कानून को समाप्त कर दिया गया है और दशकों से बनी लॉजिस्टिक व्यवस्था को तोड़ दिया गया है...।’’
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