Pakistan: पीटीआई ने किया दावा, इमरान खान के बिना कोई सरकार नहीं बन सकती

इस्लामाबाद, 13 फरवरी : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता लतीफ खोसा ने गठबंधन सरकार के गठन के लिए प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों में वार्ता के बीच मंगलवार को कहा कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बिना कोई लोकतंत्र स्थापित नहीं हो सकता और पाकिस्तान में कोई सरकार नहीं बन सकती. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच सत्ता बंटवारे के फॉर्मूले पर बातचीत किए जाने की खबरों पर हैरानी जताते हुए खोसा ने इसे मजाक करार दिया कि विरोधी राजनीति दल इस तरह का प्रस्ताव रख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि क्रिकेटर से नेता बने और पीटीआई संस्थापक इमरान खान (71) को वापस लाना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘वे कौन होते हैं- जिन्हें जनता ने नकार दिया है -आपस में बांटने वाले कोई भी असेंबली या संसद इमरान खान के बिना नहीं चल सकती. इमरान खान के बिना कोई लोकतंत्र स्थापित नहीं हो सकता और कोई सरकार नहीं बन सकती.’’ ‘डॉन’ अखबार ने खोसा के हवाले से कहा, ‘‘इसलिए इस गलतफहमी को दूर कर लीजिए कि इमरान के बिना वे कोई लोकतंत्र या सरकार चला पाएंगे। आपको इमरान खान को वापस लाना ही पड़ेगा.’’

खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने आठ फरवरी को संपन्न हुए चुनाव में नेशनल असेंबली की 266 सीट में से 101 पर जीत दर्ज की है. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन ने 75 सीट जीती है और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीती हैं. उन्होंने कहा कि फॉर्म 45 जारी होने तक चुनाव नतीजे ‘‘सही’’ थे.

उन्होंने कहा, ‘‘फॉर्म 45 के अनुसार, हमारे 170 लोग जीत रहे हैं. वे निर्दलीय नहीं हैं, क्योंकि पीटीआई एक कानूनी और संवैधानिक पार्टी है। हमें निर्दलीय करार देना गलत और गैरकानूनी है.’’ ‘फॉर्म 45’ को आमतौर पर ‘मतगणना परिणाम’ फॉर्म के रूप में जाना जाता है। यह फॉर्म पाकिस्तानी चुनावी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड है जिसका उद्देश्य किसी विशेष मतदान स्थल पर मतदान प्रक्रिया के परिणाम का दस्तावेजीकरण और खुलासा करके जवाबदेही को बनाए रखना है.

खोसा ने कहा कि अगर आरक्षित सीटों को जोड़ लिया जाए तो पीटीआई नेशनल असेंबली में 200 का आंकड़ा पार कर लेगी. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव में सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनकर उभरने वाली पार्टी को सरकार गठन का अधिकार दिया जाता है. और चूंकि हमारी सबसे बड़ी पार्टी है तो वह प्रधानमंत्री बनेंगे. और कोई भी उन्हें रोक नहीं सकता है.’’

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