हिरासत से भागने के दौरान आरोपियों पर गोलीबारी के मामले में पुलिस को 'क्लीन चिट' नहीं: असम सरकार
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गुवाहाटी, 6 अप्रैल : असम सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुलिस को उन मामलों में 'क्लीन चिट' नहीं दी गई है, जिनमें हिरासत से भागने की कोशिश के दौरान (पुलिस की) गोलीबारी में आरोपी या तो मारे गए अथवा घायल हो गए. सरकार ने कहा कि ‘‘मुठभेड़ों’’ में कोई भी नहीं मारा गया है, हालांकि ‘‘पुलिस कार्रवाई’’ में अपराधी हताहत और घायल हुए हैं. ‘‘पुलिस मुठभेड़’’ में मौत होने की घटना पर एक सवाल का जवाब देते हुए संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हजारिका ने विधानसभा में कहा, ‘‘पुलिस मुठभेड़ों में कोई भी नहीं मारा गया है. सरकार ने सदन में बार-बार यह बयान दिया है. हम बार-बार अपने पुलिसकर्मियों को सवालों के घेरे में क्यों रखें.’’

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा, जिनके पास राज्य में गृह विभाग भी है, की ओर से जवाब देते हुए हजारिका ने कहा, ‘‘पुलिस आत्मरक्षा में गोली चला सकती है. उन्होंने किसी निर्दोष व्यक्ति को नहीं मारा है, पुलिस कार्रवाई में केवल अपराधी मारे गए हैं.’’ उन्होंने कहा कि पुलिस को आरोपियों पर उस वक्त गोली चलानी पड़ी, जब उन्होंने हथियार छीनने या हिरासत से भागने की कोशिश की. असम में मई 2021 से फरवरी 2023 तक पुलिस कार्रवाई के कुल 138 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 26 लोग मारे गए हैं और 120 घायल हुए हैं. यह भी पढ़ें :Board Exams Twice a Year: साल में दो बार हो सकती हैं बोर्ड परीक्षाएं, जानें कौन-कौन से होने वाले हैं बदलाव

मंत्री ने कहा कि इसी अवधि के दौरान इन मामलों में चूक के लिए 16 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई. हजारिका ने कहा, ‘‘कुछ मामलों में कमी रह सकती है. पुलिस को भी ‘क्लीन चिट’ नहीं दी गई है. इसलिए हमने उनके खिलाफ कार्रवाई की है.’’ विधानसभा में विपक्ष के नेता, कांग्रेस के देवव्रत सैकिया ने पुलिसकर्मियों को और प्रशिक्षण देने की वकालत की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी आरोपी हिरासत से भाग न सके.