पटना, दो सितंबर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए ध्रुवीकरण’ के तंज को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शुक्रवार को निशाना साधा। साथ ही उन्होंने यह भी याद दिलाने का प्रयास किया कि वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के शासनकाल के दौरान केंद्र में थे।
भाजपा के साथ पिछले महीने गठबंधन टूटने के बाद नीतीश के ‘राष्ट्रीय राजनीति’ में आने की चर्चा तेज हो गयी है, लेकिन उन्होंने एक बार फिर कहा कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के मुख्यालय पर पत्रकारों के केंद्र की राजनीति में भूमिका निभाने संबंधी सवालों के जवाब में नीतीश का जवाब था, ‘‘छोड़िए ये सब बात।’’
वहीं, पार्टी के मुख्यालय पर लगे बड़े-बड़े पोस्टरों में से कुछ पर लिखा है ‘‘प्रदेश में दिखा, देश में दिखेगा।’’ इन नारों से विभिन्न अर्थ निकाले जा सकते हैं।
राज्य के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक से महज कुछ ही घंटे पहले पार्टी मुख्यालय पहुंचे नीतीश ने कहा कि वह शनिवार को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और उसके एक दिन बाद होने वाली राष्ट्रीय परिषद की तैयारियां देखने आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश से प्रतिनिधि आ रहे हैं। आज मैं बस तैयारियां देखने आया हूं। अगले दो दिनों तक मैं पूरा समय यही रहूंगा।’’
इससे पहले नीतीश से कहीं ओर यह पूछा गया था कि क्या केरल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गयी तीखी टिप्पणी 2024 लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है? माना जा रहा है अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला विभिन्न क्षेत्रीय दलों से होगा और उसके साथ शायद ही कोई क्षेत्रीय दल हो।
इस पर मुस्कुराते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘वह प्रधानमंत्री हैं, तो कहीं भी जा सकते हैं। लेकिन क्या आपको केरल के राजनीतिक हालात का पता नहीं है।’’ मुख्यमंत्री का संकेत वामपंथी शासन वाले केरल में बार-बार अपना पैर जमाने का प्रयास कर रही भाजपा की असफलता की ओर था। केरल में भाजपा कांग्रेस को दूसरे स्थान से भी नहीं हटा पाई है।
गौरतलब है कि वामपंथी दल और कांग्रेस दोनों ही बिहार में हाल में बनी महागठबंधन की सरकार में शामिल हैं।
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