नीदरलैंड: जलते जहाज से खड़ा हुआ पर्यावरण के लिए संकट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

3000 वाहनों को ले जा रहे इस शिप पर सवार सभी नाविक भारतीय थे जिनमें से एक की मौत की मौत हो गई. जहाज कंपनी को शक है कि आग पहले इलेक्ट्रिक कार में लगी और वहीं से फैली.फ्रीमैंटल हाइवे नामक यह शिप जर्मनी से मिस्र की तरफ जा रहा था जब मंगलवार को भयंकर लपटें उठीं. डच कोस्टगार्डो का कहना है कि यह आग कईं दिनों तक लगी रहने की संभावना है. आग लगने के बाद कईं नाविक समुद्र में कूद गए. यह जहाज शोए किसेन केशा लिमिटेड का है जिसने अपने बयान में कहा, हम नीदरलैंड में स्थानीय प्रशासन और जहाज प्रबंधन कंपनी के साथ मिलकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं.

आग लगने की वजह साफ नहीं

कंपनी ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा है कि इस बात की बहुत संभावना है कि आग किसी इलेक्ट्रिक कार की वजह से शुरू हुई. जहाज पर कम से कम 25 ऐसी कारें लदी थीं लेकिन यह पूरी तरह से कहना संभव नहीं है. इसकी पड़ताल के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.

गुरुवार को आग बुझाने की कोशिशों के तहत बचाव प्रक्रिया में लगे जहाज पानी फेंक कर लपटों को शांत करने की कोशिश करते रहे. यह भी खतरे से खाली नहीं है क्योंकि ज्यादा पानी जहाज को डुबो भी सकता है. फ्रीमैंटल को बचाने के लिए एक जहाज को उसके साथ अटका दिया गया है ताकि उसे डूबने से बचाया जा सके.

कैसे बुझेगी आग

एएफपी से बातचीत में नीदरलैंड कोस्टगार्ड के एक अधिकारी ने कहा कि यह आग अभी कईं दिन तक लगी रह सकती है. जहाज को ठंडा करने की कोशिश की जा रहे ताकि वह स्थिर रहे. इसके लिए सिर्फ उसके किनारे पर पानी फेंका जा रहा है, डेक पर नहीं.

फ्रीमैंटल हाइवे अगर डूबता है तो यह बड़ा पर्यावरणीय हादसा होगा. दरअसल जहाज अब भी वाडेन समुद्र में ऐसे द्वीपों के पास फंसा हुआ है, जो पर्यावरण के नजरिए से संवेदनशील हैं. नीदरलैंड और जर्मनी से लेकर डेनमार्क तक फैले इस इलाके को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया है. यह समुद्री और जमीनी जीवों की 10 हजार से ज्यादा प्रजातियों का बसेरा है.

अब आगे क्या होगा

अधिकारी मंथन कर रहे हैं कि अगर जहाज पलटता है या डूबता है, तब क्या किया जाएगा? पहले के अनुभवों के आधार पर अलग-अलग परिस्थितियों का अनुमान लगाकर कुछ प्लान तैयार भी कर लिए गए हैं. जहाज की इंश्योरेंस कंपनियों ने भारी घाटे का इशारा किया है और कहा है कि कार ले जा रहे जहाजों पर लगी आग, बड़े आर्थिक नुकसान लेकर आती है.

इससे पहले 2019 में यहीं पर, दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाजों में से एक तूफान में फंस गया था. उस जहाज पर लदे 340 कंटेनर समुद्र में गिर पड़े थे, जिससे समुद्र तट पर भारी प्लास्टिक कचरा फैल गया था.

एसबी/एडी (एएफपी)