Paris Olympics 2024: भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि देश के सुपरस्टार नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम के बीच भाईचारा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि खेल सीमाओं से परे है और लोगों को एकजुट करता है. नदीम ने बृहस्पतिवार को पेरिस ओलंपिक में 92.97 मीटर के शानदार ओलंपिक रिकॉर्ड थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि गत चैंपियन चोपड़ा ने सत्र के सर्वश्रेष्ठ 89.45 मीटर के साथ रजत पदक जीता. हरभजन ने कहा, ‘‘हमने कुछ अच्छी फोटो देखीं जिसमें प्रतियोगिता खत्म होने के बाद हुए समारोह के बाद नीरज और नदीम एक दूसरे से बात कर रहे थे. दोनों ने अपने अपने देश का ध्वज पकड़ा हुआ था और खिलाड़ी के तौर पर दोनों एक दूसरे का सम्मान कर रहे थे. इससे पता चलता है कि खेल किसी भी सीमा से परे है और खेल सभी को एकजुट करता है. इन दोनों ने बहुत अच्छा संदेश दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत-पाकिस्तान जैसा है. जब हम क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ खेलते थे तो हम मैदान पर बहुत प्रतिस्पर्धी होते थे लेकिन जब मैदान के बाहर की बात आती तो हमारे बीच अच्छा रिश्ता है.’’ राज्यसभा सांसद हरभजन ने चोपड़ा की मां के बयान का भी जिक्र किया. इस 44 वर्षीय पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘‘नीरज की मां ने बहुत अच्छा बयान दिया कि स्वर्ण विजेता (नदीम) भी किसी मां का बेटा है और वह भी बेटे जैसा है. इसलिए इस तरह का बयान आना अच्छा है और जाहिर तौर पर खेल इससे परे की चीज है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘नदीम को स्वर्ण पदक जीतने के लिए बधाई। नीरज हमारा गौरव है, हमारे नायक हैं. ’’ हरभजन ने पहलवान विनेश फोगाट को 100 ग्राम अधिक वजन के कारण 50 किग्रा स्वर्ण-पदक मुकाबले से अयोग्य घोषित किए जाने पर भी निराशा व्यक्त की. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ खेल पंचाट (कैस) में अपील दायर करने के बाद संन्यास की घोषणा कर दी. यह भी पढ़ें: Paris Olympics 2024 Live Update: पाकिस्तान के अरशद नदीम ने बनाया ओलंपिक रिकॉर्ड, नीरज ने किया सीजन का बेस्ट प्रदर्शन
उन्होंने कहा, ‘‘यह देखना बहुत निराशाजनक और दुखद है कि विनेश सिर्फ इसलिए फाइनल नहीं खेल पाई क्योंकि उसका वजन 100 ग्राम अधिक था. अगर आप देखें तो 100 ग्राम कुछ भी नहीं है लेकिन ओलंपिक में नियम ऐसे हैं और ये सभी खिलाड़ियों के लिए समान हैं.’’ हरभजन ने कहा, ‘‘वह बहुत कुछ झेल रही होगी. हम केवल इतना कह सकते हैं कि हम इस मुश्किल समय में उनके साथ खड़े हैं और उम्मीद है कि वह इससे उबर जाएगी क्योंकि किसी के लिए भी इससे गुजरना बहुत मुश्किल है. वह स्वर्ण पदक के बिल्कुल करीब थी. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसे स्वर्ण पदक के साथ नहीं देखना बहुत निराशाजनक है लेकिन वह हमारा स्वर्ण पदक है, वह हमारा गौरव है, वह देश की नायिका हैं. ’’
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