नयी दिल्ली, सात जून कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि कोविड19 महामारी ने खाद्य सुरक्षा तथा शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र पर पोषक एवं स्वच्छ खाद्य पदार्थो के प्रभावों तथा इसके बारे में जागरुकता पैदा करने आवश्यकता की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया है।
उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि खाद्य श्रृंखला के प्रत्येक चरण में भोजन को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक रखने का प्रयास होना चाहिए।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के मौके पर पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा, ‘‘हालांकि कोरोनावायरस भोजन से नहीं फैलता है, लेकिन वर्तमान वैश्विक महामारी ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों जैसे स्वच्छता, रोगाणुरोधी प्रतिरोध, जलवायु परिवर्तन आदि विषयों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है।’’
मंत्री ने यह भी कहा कि प्रत्येक नागरिक के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली पर पौष्टिक और सुरक्षित भोजन के प्रभाव के बारे में समझना और जागरूकता पैदा करना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
यह कहते हुए कि जलवायु परिवर्तन के बारे में न केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कृषि पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा पर एक समग्र-संतुलित विशिष्ट नीति की अनुपस्थिति का किसी भी समाज या देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार समाज के विकास और कल्याण के लिए पोषण के महत्व से अच्छी तरह वाकिफ है।
देश में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए, तोमर ने कहा कि सरकार ने स्कूलों में मध्याह्न भोजन की शुरुआत की है, आंगनबाड़ी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं तथा गरीब से गरीब व्यक्ति को राशन उपलब्ध कराया है।
भारत को कुपोषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार ने पोषण अभियान भी शुरू किया है। सरकार ने वर्ष 2020-21 में बचपन में कुपोषण, अल्पविकास और अपव्यय को रोकने के लिए पोषण संबंधी योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
सरकार पोषण संबंधी कमियों को पाटने के लिए कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में कदम उठा रही है।
तोमर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की आर्थिक प्रगति और ताकत के कारण कमजोर लोगों की आजीविका में सुधार करने में काफी प्रगति हुई है और लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।
तोमर ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि वैश्विक स्तर पर खाद्य जनित बीमारियां, बेहद खतरनाक हैं और यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों और निम्न वर्ग को प्रभावित करता है। दूषित भोजन खाने से लोग बीमार होते हैं और हर साल इस करण से करीब 45 लाख लोग मर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि डायरिया दूषित भोजन के सेवन से होने वाली सबसे आम बीमारी है, जो हर साल 55 करोड़ लोगों को बीमार करती है और 25 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बनती है।
साथ ही मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2018 में सात जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस घोषित किया था और उन्हें खुशी है कि खाद्य सुरक्षा के प्रयासों को मजबूत करने का काम जारी है।
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