बलिया (उप्र), छह जून भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को बुद्धिजीवियों को आगाह किया कि वे ‘‘देश को बांटने पर तुली अंतरराष्ट्रीय ताकतों’’ से सतर्क रहें।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने बलिया जिले के सिकंदरपुर में ‘प्रबुद्ध वर्ग’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘अंतरराष्ट्रीय शक्तियां देश को तोड़ने का फिर प्रयास कर सकती हैं और लोगों को लालच देने की कोशिश कर सकती हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान देश में जातीय आधार पर नेतृत्व को उभारने के लिए एवं हिंदुत्व को कुचलने के लिए ‘पेट्रो डॉलर’ का सहारा लिया गया था।
पेट्रोडॉलर प्रणाली किसी अन्य मुद्रा के बजाय अमेरिकी डॉलर के लिए तेल का आदान-प्रदान करने का वैश्विक चलन है।
रावत ने कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे एवं पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के साथ अपनी व्यक्तिगत बातचीत को उद्धृत करते हुए अपने आरोप को पुष्ट करने का प्रयास भी किया।
रावत ने कहा, ‘‘नारायण दत्त तिवारी ने लोकसभा चुनाव-2014 के समय व्यक्तिगत बातचीत के दौरान जानकारी दी थी कि 1992-1993 में जब बाबरी ढांचा ढहा तो इस देश में जातीय आधार पर नेतृत्व उभारने के लिए पेट्रो डॉलर आया था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि हिंदुत्व को कुचला जा सके। हिंदुत्व एवं राष्ट्रवाद के आधार पर लोग खड़े न हो सके और वे जातियों में बंट जाएं।’’
उन्होंने कहा कि तिवारी कांग्रेस के नेता थे और जीवन भर कांग्रेस के नेता रहे, लेकिन वह कमरे के अंदर सही बात बोलते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बुद्धिजीवियों से कहता हूं कि ऐसा फिर हो सकता है। भारत को कमजोर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय शक्तियां देश को तोड़ने का फिर प्रयास कर सकती हैं। छोटे लालच में डालने का प्रयास कर सकती हैं। प्रबुद्ध वर्ग इससे सावधान रहे।’’
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