INDIA: भारत में पिछले साल प्राकृतिक आपदाओं से करीब पांच लाख लोगों का आंतरिक विस्थापन हुआ
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा (Photo Credits: File Image)

 INDIA: भारत  में पिछले साल बाढ़, तूफान, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की वजह से करीब पांच लाख लोगों का आंतरिक (देश के भीतर ही) विस्थापन हुआ.  हालांकि, 2022 में 25 लाख लोगों के आंतरिक विस्थापन की तुलना में यह संख्या काफी कम है.  यह जानकारी मंगलवार को जारी वैश्विक रिपोर्ट में दी गई है.  दिल्ली को ‘बाढ़ से विस्थापन के केंद्र’ के तौर पर चिह्नित किया गया है जहां पर पिछले साल नौ जुलाई को भारी बारिश के बाद यमुना में आई बाढ़ की वजह से प्रशासन ने लोगों को उनके घरों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था.

जिनेवा स्थित आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (आईडीएमसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में करीब 27 हजार लोग विस्थापित हुए थे. देश की राष्ट्रीय राजधानी में नौ जुलाई को 24 घंटे में 153 मिलीमीटर बारिश हुई थी जो 25 जुलाई 1982 के बाद एक दिन में हुई सबसे अधिक बारिश थी.  रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में दक्षिण एशिया में कुल 37 लाख लोग आंतरिक तौर पर विस्थापित हुए जिनमें से प्राकृतिक आपदाओं से विस्थापित लोगों की संख्या 36 लाख है.  यह आंकड़ा 2018 के बाद सबसे कम है.

अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, आंतरिक विस्थापितों की संख्या में गिरावट की वजह अल नीनो घटनाक्रम है जिसके प्रबल होने से मानसून कमजोर होता है और औसत से कम बारिश होती है.  चक्रवाती तूफानों की तीव्रता भी अपेक्षाकृत कम होती है.  हालांकि, बाढ़ और तूफान अकसर इन इलाकों में लोगों को विस्थापित होने के लिए मजबूर करते हैं.

भारत में पिछले साल बाढ़ से 3,52,000 लोग विस्थापित हुए जो 2008 के बाद सबसे कम संख्या है.  इन विस्थापितों में भी 91 हजार लोग असम के हैं जिन्हें गत जुलाई में राज्य के 20 जिलों के बाढ़ से प्रभावित होने की वजह से अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा. रिपोर्ट के मुताबिक, अरब सागर में गत जून में बने चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से गुजरात और राजस्थान के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी और 1,05,000 लोगों को आंतरिक तौर पर विस्थापित होना पड़ा था. इसके मुताबिक, ‘मोचा’ तूफान से 2023 में दक्षिण एशिया में सबसे अधिक लोग विस्थापित हुए.  बांग्लादेश, खासतौर पर कॉक्स बाजार जिले में 13 लाख लोग विस्थापित हुए थे. पूर्वानुमान और प्रारंभिक चेतावनियों के मद्देनजर अधिकारियों ने ‘मोचा’ के तट से टकराने से पहले आपातकालीन प्रक्रियाएं शुरू कीं जिससे घनी आबादी वाले क्षेत्रों को समय रहते खाली कराने में मदद मिली.

आईडीएमसी ने कहा कि अल नीनो के कारण 2023 में दक्षिण एशिया में आए चक्रवाती तूफानों की गति पिछले वर्षों की तुलना में कम रही, लेकिन तूफान के कारण अभी भी 18 लाख लोग विस्थापित हुए जो कुल विस्थापितों का आधा आंकड़ा है.

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