मुंबई, 15 दिसंबर खुदरा ऋण देने वाली कंपनियों के साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में कर्ज वृद्धि 10-12 प्रतिशत रह सकती है। इसके अलावा उनकी लाभप्रदता में भी 0.50 प्रतिशत के सुधार की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया।
इक्रा रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा क्षेत्र पर केंद्रित एनबीएफसी की वृद्धि 12 से 14 प्रतिशत के बीच रह सकती है। वहीं आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी) 10 से 12 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकती हैं। यह अनुमान परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार और कर्ज की मांग में कुल वृद्धि पर आधारित है।
हालांकि, 25 लाख करोड़ रुपये के ‘शैडो बैंकिंग’ क्षेत्र में एक-चौथाई हिस्सेदारी रखने वाले सूक्ष्म वित्त और व्यक्तिगत ऋण की तीव्र गति से वृद्धि जारी रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में क्षेत्रवार लाभप्रदता में 0.40-0.50 प्रतिशत का सुधार आ सकता है और इसकी वजह स्थिर मार्जिन तथा कर्ज लागत में कमी होगी। यह लाभप्रदता महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगी।
विभिन्न उप-क्षेत्रों में वृद्धि व्यापक होगी लेकिन यह सबसे ज्यादा सूक्ष्म वित्त और व्यक्तिगत कर्ज में होगी। इसके अलावा वाहन वित्त कर्ज (वाणिज्यिक वाहन वित्त, यात्री वाहन वित्त) में 2019-20 से नरमी बनी हुई थी लेकिन अब इस क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि रहने की उम्मीद है।
इक्रा रेटिंग्स के उपाध्यक्ष एवं क्षेत्र प्रमुख (वित्तीय क्षेत्र) मनुश्री सागर ने कहा एनबीएफसी तथा एचएफसी का वितरण लगातार तीन तिमाहियों में महामारी से पहले के स्तर से अधिक रहा है जो इस बात का संकेत है कि उद्योग का मुश्किल समय बीत चुका है।
उन्होंने कहा कि एनबीएफसी-एचएफसी के लिए 2022-23 में वृद्धि परिदृश्य 10 से 12 प्रतिशत रहने वाला है। इसमें भी एनबीएफसी-खुदरा के 12 से 14 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने और एचएफसी के 10 से 12 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
सागर ने कहा कि 2023-24 के लिए वृद्धि अनुमानों को 10 से 12 प्रतिशत पर रखा गया है क्योंकि वैश्विक स्तर पर व्यापक आर्थिक परिस्थितियों में अनिश्चितता की वजह से 2022-23 के अंत या 2023-24 की शुरुआत में कुछ जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं जो वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं।
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