एनबीए ने पत्रकार की गिरफ्तारी की निंदा की, इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया
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नयी दिल्ली, 16 अप्रैल न्यूज ब्रोडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने बृहस्पतिवार को एक समाचार रिपोर्ट को लेकर महाराष्ट्र में एक पत्रकार की गिरफ्तारी को प्रेस की स्वतंत्रता पर ‘‘सीधा हमला’’ करार दिया और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की कि पत्रकार के खिलाफ लगे आरोपों को हटाया जाए। आरोप के मुताबिक पत्रकार की खबर के कारण मुंबई के बांद्रा में कथित तौर पर भीड़ इकट्ठी हो गई थी।

ठाकरे को लिखे पत्र में एनबीए के प्रमुख रजत शर्मा ने मराठी समाचार चैनल में काम करने वाले पत्रकार राहुल कुलकर्णी की ‘‘अनुचित गिरफ्तारी’’ पर दुख और क्षोभ जताया।

मुंबई की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को कुलकर्णी को जमानत दे दी जिन्हें कथित तौर पर ‘‘भ्रामक सूचना फैलाने’’ के लिए गिरफ्तार किया गया था। उनकी खबर में कथित तौर पर बताया गया था कि सरकार प्रवासी कामगारों के लिए जन साधारण रेलगाड़ी चलाने पर विचार कर रही है जिस कारण बांद्रा में भीड़ इकट्ठी हो गई।

कुलकर्णी को बुधवार को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एक दिन पहले काफी संख्या में प्रवासी कामगारों ने बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा होकर अपने गृह नगर भेजे जाने की मांग की थी।

शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की कि प्राथमिकी कुछ रिपोर्ट पर आधारित है जिसमें मुंबई के बांद्रा पश्चिम स्टेशन पर भीड़ इकट्ठी होने का संबंध उनकी खबर से जोड़ा गया है।

एनबीए प्रमुख ने कहा, ‘‘वरिष्ठ पत्रकार का बेदाग रिकॉर्ड रहा है और वह ईमानदारी से पत्रकारिता करने के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने हमेशा खुद को जांच के लिए उपलब्ध कराया है और ऐसे में उनके जांच एजेंसी से भागने या जांच से छिपने का सवाल ही नहीं है। गिरफ्तारी से उनके वायरस से संक्रमित होने का खतरा भी है।’’

पत्र में कहा गया है कि एनबीए ने ‘‘अनुचति गिरफ्तारी’’ की निंदा की और कहा कि ‘‘यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन है और स्वतंत्र प्रेस पर सीधा हमला है।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार को दबाने का प्रयास किया गया है और उनकी गिरफ्तारी संविधान में मिले अधिकारों पर गंभीर हमला होगा और इससे उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए प्रेस की स्वतंत्रता के हित में है कि राहुल कुलकर्णी जैसे पत्रकार एवं संवाददाता को सभी आरोपों से मुक्त किया जाए ताकि प्रेस की स्वतंत्रता की शुचिता बहाल हो सके।’’

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