छत्रपति संभाजीनगर, 23 नवंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता धनंजय मुंडे ने शनिवार को कहा कि परली विधानसभा सीट पर उनका प्रदर्शन मुंडे परिवार के एक साथ आने की ‘ताकत’ दर्शाता है।
निर्वाचन आयोग की ओर से 23वें दौर की मतगणना के बाद जारी अद्यतन आंकड़ों में, शिंदे सरकार में कृषि मंत्री धनंजय परली में राकांपा (शरदचंद्र पवार) उम्मीदवार राजेसाहेब देशमुख से 1,38,241 मतों से आगे हैं।
परली विधानसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिवंगन नेता गोपीनाथ मुंडे का गढ़ हुआ करता था। हालांकि, भाजपा छोड़ अविभाजित राकांपा में शामिल होने वाले धनंजय ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में परली में गोपीनाथ मुंडे की बेटी और अपनी चचेरी बहन पंकजा मुंडे को हराया था।
पिछले साल जुलाई में राकांपा में बगावत के बाद धनंजय, अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे नीत महायुति सरकार में शामिल हो गए थे। इससे मुंडे परिवार महायुति के तहत एकजुट हो गया था, जिसमें भाजपा, राकांपा और शिवसेना शामिल हैं।
धनंजय ने संवाददाताओं से कहा, “मेरी जीत मुंडे परिवार के एक साथ आने की ताकत को दर्शाती है। पंकजा मुंडे ने मेरी खातिर वोट जुटाने के लिए बहुत मेहनत की। मुझे इतनी बड़ी बढ़त मिली, क्योंकि सभी समुदाय एक साथ आ गए।”
उन्होंने कहा, “विपक्ष ने मेरे खिलाफ साजिश रचने और लोगों को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश की। यहां तक कि एक राष्ट्रीय नेता (शरद पवार की तरफ इशारा करते हुए) ने परली में (उनकी हार का आह्वान करते हुए) एक रैली को संबोधित किया। विपक्ष ने ध्रुवीकरण के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन यह रंग नहीं लाया।”
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)