नयी दिल्ली, 10 अप्रैल म्यूचुअल फंड ने वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू शेयरों में 1.82 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। इसमें खुदरा निवेशकों की मजबूत भागीदारी का प्रमुख योगदान रहा।
इसके अलावा बाजार में सुधार के कारण मूल्यांकन आकर्षक होने के चलते भी म्यूचुअल फंड ने अपना निवेश बढ़ाया।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के मुताबिक म्यूचुअल फंड ने वित्त वर्ष 2021-22 में इक्विटी में 1.81 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। इससे पहले 2020-21 में यह आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ रुपये था।
बजाज कैपिटल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए इक्विटी निवेश में अगली दो तिमाहियों में सुधार शुरू हो जाएगा। ऐसा अमेरिका में महंगाई कम होने और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत रुख में नरमी के चलते होगा।
दीर्घकाल में विकसित अर्थव्यवस्थाओं में धीमी वृद्धि की आशंका है, जबकि भारत की वृद्धि संभावना अपेक्षकृत अच्छी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की अनुकूल नीतियों के साथ ही निवेश आधारित वृद्धि (पूंगीगत व्यय से बढ़ावा) और बैंकों के बेहतर नतीजों के चलते निकट भविष्य में आय बढेगी। इसके अलावा पीएलआई (उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन) नीति और 'चीन के अलावा एक और' अभियान से मदद मिलने का अनुमान है।
बजाज ने कहा, ''इसलिए ज्यादातर निवेशक भारत की वृद्धि संभावना पर उत्साहित हैं और उनके लिए भारतीय इक्विटी से बेहतर क्या हो सकता है।''
अरिहंत कैपिटल की श्रुति जैन ने कहा कि उचित मूल्यांकन के कारण म्यूचुअल फंड ने इक्विटी में निवेश बढ़ाया।
सेबी के आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 में म्यूचुअल फंडों ने शुद्ध रूप से 1.82 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
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