मुंबई, 20 अक्टूबर : मुंबई की एक अदालत ने इस साल 13 मई को घाटकोपर इलाके में होर्डिंग गिरने के मामले में मुख्य आरोपी और एक विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे को जमानत दे दी है. इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी. एम. पठाडे ने शनिवार को भिंडे की जमानत याचिका मंजूर कर ली.
भिंडे ने अपनी वकील सना खान के माध्यम से दलील दी थी कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना ‘दैवीय कृत्य’ थी और उन्हें ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के तहत फंसाया गया था. वकील खान ने तर्क दिया कि घाटकोपर क्षेत्र में लगाया गया होर्डिंग ‘अप्रत्याशित और असामान्य हवा की गति’ के कारण गिर गया और इसके लिए आवेदक (जिसकी कंपनी ने इसे लगाया था) को दोष नहीं ठहराया जा सकता. यह भी पढ़ें : Fake Bomb Threats: फर्जी बम धमकियों में वृद्धि को लेकर बीसीएएस ने एयरलाइंस के CEO के साथ की बैठक
यह भी कहा गया कि विशाल होर्डिंग को लगाने के समय भिंडे कंपनी के निदेशक नहीं थे. भिंडे पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है अभियोजन पक्ष ने भिंडे की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि वह मामले में सक्रिय रूप से लिप्त थे. एक पेट्रोल पंप पर होर्डिंग ढहने से मुंबई हवाई अड्डे के वायु यातायात नियंत्रण के पूर्व महाप्रबंधक और उनकी पत्नी सहित 17 लोगों की मौत हो गई थी.