मुंबई, 30 मई इस महीने की शुरुआत में होर्डिंग गिरने से हुए हादसे के सिलसिले में ढांचे के टिकाऊ होने संबंधी प्रमाणपत्र देने के आरोप में 47 वर्षीय एक इंजीनियर को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
होर्डिंग के गिरने की घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी। घाटकोपर इलाके में हुई घटना के संबंध में मनोज रामकृष्ण संघू हिरासत में लिए गए दूसरे व्यक्ति हैं। हादसे में 80 से अधिक लोग घायल हुए थे।
उन्होंने बताया कि अपराध शाखा ने संघू की भूमिका सामने आने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के पैनल में शामिल संघू ने होर्डिंग के लिए स्थिरता प्रमाण पत्र दिया था, जो 13 मई को तेज हवाओं और बेमौसम बारिश के बीच पेट्रोल पंप पर गिर गया था।
ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कब्जे वाले भूखंड पर होर्डिंग लगाई थी। अधिकारी ने बताया कि 120 फुट गुणा 140 फुट की होर्डिंग लगाते समय नींव कम से कम 20 फुट गहरी होनी चाहिए थी, लेकिन यह कमजोर थी। उन्होंने बताया कि आपत्ति जताने के बजाय संघू ने इसके लिए प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
संघू को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा। होर्डिंग गिरने की घटना के तीन दिन बाद ईगो मीडिया के निदेशक भावेश भिंडे को राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार किया गया। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
पुलिस ने ईगो मीडिया के निदेशकों और अधिकारियों तथा अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304-2 (जब यह ज्ञात हो कि किसी के कृत्य से मृत्यु हो सकती है), 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) और 34 (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने अब प्राथमिकी में धारा 120बी (आपराधिक साजिश) भी जोड़ दी है।
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