MP: बालिका वधू बनने से बची 17 वर्षीय लड़की, प्रशासन ने रुकवाई शादी
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने वक्त रहते हरकत में आते हुए 17 साल की लड़की को शुक्रवार शाम बालिका वधू बनने से बचा लिया. बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग के उड़न दस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने यह जानकारी दी.
इंदौर, 4 नवंबर : मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने वक्त रहते हरकत में आते हुए 17 साल की लड़की को शुक्रवार शाम बालिका वधू बनने से बचा लिया. बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग के उड़न दस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इंदौर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर ढाबली गांव में रहने वाली 17 वर्षीय लड़की की शादी 21 साल के युवक से देवप्रबोधिनी एकादशी पर शुक्रवार शाम होने वाली थी और इसकी रस्में पहले ही शुरू हो चुकी थीं.
पाठक ने बताया कि बाल विवाह की तैयारियों की सूचना पर प्रशासन का दल लसूड़िया थाने के पुलिस कर्मियों के साथ लड़की के घर पहुंचा और उसके परिजनों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर शादी समारोह निरस्त कराया. उन्होंने बताया,‘‘लड़की के विद्यालय की अंकसूची के मुताबिक उसकी उम्र 17 वर्ष आठ माह है यानी उसके बालिग होने में चार महीने बाकी हैं.’’ यह भी पढ़ें : Air Pollution: वायु प्रदूषण फैलाने पर नोएडा प्राधिकरण ने 4.25 लाख रू का जुर्माना लगाया
गौरतलब है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक का सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाओं का प्रावधान है.