खुली सिगरेट की बिक्री पर रोक के पक्ष में नहीं हैं ज्यादातर स्मोकर
मार्च सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों पर कानून में किये जा रहे बदलाव में खुली सिगरेट की बिक्री पर रोक तथा सिगरेट पीने के लिये तय स्थान के प्रस्ताव से धूम्रपान करने वालों का बड़ा वर्ग सहमति नहीं रखता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है.
नयी दिल्ली, 25: मार्च सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों पर कानून में किये जा रहे बदलाव में खुली सिगरेट की बिक्री पर रोक तथा सिगरेट पीने के लिये तय स्थान के प्रस्ताव से धूम्रपान करने वालों का बड़ा वर्ग सहमति नहीं रखता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है. गैर वाणिज्यिक निकाय प्रहार ने इसे लेकर दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता, गुवाहाटी और वडोदरा सहित 14 शहरों में सर्वेक्षण किया. इसमें 1,986 लोगों का साक्षात्कार किया गया. सर्वेक्षण में पाया गया कि 78 प्रतिशत उत्तरदाता तंबाकू के लिये उम्र की सीमा 18 वर्ष से 21 वर्ष बढ़ाने का समर्थन नहीं करते हैं.
पब्लिक रिस्पांस अगेंस्ट हेल्पलेसनेस एंड एक्शन फॉर रिड्रेसल (प्रहार) ने एक बयान में कहा, ‘‘सर्वेक्षण में पाया गया कि 87 प्रतिशत प्रतिभागी खुली सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करते हैं. उनका मानना है कि तंबाकू की खपत को कम करने के इस निर्णय से धूम्रपान करने वालों को पूरा पैक खरीदने के लिये बाध्य होना पड़ेगा. इससे हमेशा उनके हाथों में सिगरेट उपलब्ध होगी, जिससे अंतत: खपत बढ़ेगी.’’
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सर्वेक्षण के अनुसार, 57 प्रतिशत उपभोक्ता खुली सिगरेट खरीदते हैं, क्योंकि यह उन्हें कम धूम्रपान करने में मदद करता है. केवल 19 प्रतिशत कम पैसे के कारण यह विकल्प चुनते हैं. केवल 7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महसूस किया कि खुली सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध से वह सिगरेट नहीं पी सकेंगे.
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