Indonesia Volcanic Eruption: इंडोनेशिया में हुए ज्वालामुखी विस्फोट के बाद और शव मिले, मृतकों संख्या बढ़कर 23 होने की आशंका

माउंट मरापी में रविवार को हुए विस्फोट के बाद शुरुआत में 11 पर्वतारोहियों की मौत होने की पुष्टि की गई थी तथा 50 से अधिक पर्वतारोहियों को बचा लिए जाने की जानकारी दी गई थी. वहीं, सोमवार को दोबारा हुए विस्फोट के बाद आसमान में 800 मीटर तक राख की मोटी परत फैल गई, जिससे तलाश अभियान को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था.

(Photo Credits Twitter)

माउंट मरापी में रविवार को हुए विस्फोट के बाद शुरुआत में 11 पर्वतारोहियों की मौत होने की पुष्टि की गई थी तथा 50 से अधिक पर्वतारोहियों को बचा लिए जाने की जानकारी दी गई थी. वहीं, सोमवार को दोबारा हुए विस्फोट के बाद आसमान में 800 मीटर तक राख की मोटी परत फैल गई, जिससे तलाश अभियान को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था.

वेस्ट सुमात्रा प्रांत के उप पुलिस प्रमुख एडी मार्डिएन्टो ने कहा कि हाल में मिले शव विस्फोट स्थल से कुछ ही मीटर की दूरी पर पाए गए. उन्होंने बताया कि पांच पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और 18 लोगों को मृत मान लिया गया है क्योंकि वे ज्वालामुखी विस्फोट के स्थल के बहुत करीब थे.

उन्होंने मंगलवार को कहा, “हम बाकी 18 लोगों को निकालना चाहते हैं. हमें लग रहा है कि वे अब जीवित नहीं बचे हैं. हमारी टीम कल या आज उन्हें वहां से निकालकर पहचान के लिए अस्पताल ले जाएगी.” एजेंसी द्वारा जारी एक वीडियो में बचावकर्मियों को एक घायल पर्वतारोही को स्ट्रेचर पर लेटाकर पहाड़ से बाहर निकालते हुए और अस्पताल ले जाने के लिए इंतजार कर रही एम्बुलेंस में ले जाते हुए दिखाया गया है. यह भी पढ़ें : Blast In Pakistan: पाकिस्तान के पेशावर में स्कूल के पास ब्लास्ट, दो बच्चे जख्मी, देखें वीडियो

ज्वालामुखी विज्ञान और भूवैज्ञानिक आपदा शमन केंद्र के प्रमुख हेंड्रा गुनावां ने बताया कि मरापी 2011 के बाद से चार चेतावनी स्तरों में से तीसरे उच्चतम स्तर पर बना हुआ है. यह स्तर सामान्य से अधिक ज्वालामुखी गतिविधि का संकेत देता है तथा ज्वालामुखी शिखर के तीन किलोमीटर के दायरे में पर्वतारोहियों और ग्रामीणों की आवाजाही को प्रतिबंधित करता है. पर्वतारोहियों को केवल कम खतरनाक क्षेत्रों में जाने की अनुमति थी और उन्हें दो कमांड पोस्ट पर या ऑनलाइन पंजीकरण कराना था. हालांकि, स्थानीय अधिकारियों ने स्वीकार किया कि कई लोग अनुमति से अधिक ऊंचाई पर चढ़ गए होंगे और स्थानीय निवासी भी क्षेत्र में हो सकते हैं, जिससे विस्फोट में फंसे लोगों की संख्या की पुष्टि करना असंभव हो गया है.

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