नयी दिल्ली, 20 जुलाई संसद का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ होने वाला है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
इस सत्र के दौरान विपक्ष भी ‘नीट’ पेपरलीक और रेल सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
मानसून सत्र सोमवार (22 जुलाई) से शुरू होने वाला है और 12 अगस्त को समाप्त होगा। इस दौरान 19 बैठकें होंगी। इस सत्र में सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिनमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है। इस सत्र में जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी मिलेगी। इस केंद्रशासित प्रदेश में फिलहाल विधानसभा अस्तित्व में नहीं है और केंद्र का शासन है।
सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी। वित्त मंत्री सीतारमण 23 जुलाई को आम बजट पेश करने वाली हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने 21 जुलाई को संसद में राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई है, ताकि उन मुद्दों को समझा जा सके जिन्हें वे सत्र के दौरान उठाना चाहते हैं।
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल ने घोषणा की है कि वह एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगा और संसद में राज्य के हित के मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाएगा।
बीजद संसदीय दल के अध्यक्ष चुने गए पटनायक ने अपनी पार्टी के सांसदों से ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाने को कहा है।
इस सत्र में वित्त विधेयक के अलावा सरकार ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक को भी पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है।
गत बृहस्पतिवार को जारी लोकसभा बुलेटिन में कहा गया कि प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रहे विभिन्न संगठनों की भूमिका में अधिक स्पष्टता और तालमेल लाना है।
भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 नागरिक उड्डयन क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी के लिए सक्षम प्रावधान प्रदान करने की खातिर 1934 के विमान अधिनियम को बदलने का प्रयास करता है।
सत्र के दौरान पेश और पारित किए जाने वाले अन्य विधेयकों में स्वतंत्रता पूर्व के कानून की जगह लेने वाला बॉयलर विधेयक, कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक शामिल हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) का भी गठन किया है। बीएसी संसदीय कामकाज का एजेंडा तय करती है।
समिति में सुदीप बंदोपाध्याय (तृणमूल कांग्रेस), पीपी चौधरी (भाजपा), लावू श्रीकृष्ण देवरायलु (तेदेपा), निशिकांत दुबे (भाजपा), गौरव गोगोई (कांग्रेस), संजय जायसवाल (भाजपा), दिलेश्वर कामत (जदयू), भर्तृहरि महताब (भाजपा), दयानिधि मारन (द्रमुक), बैजयंत पांडा (भाजपा), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), कोडिकुन्नील सुरेश (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (भाजपा) और लालजी वर्मा (सपा) शामिल हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)