नयी दिल्ली, 12 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत की अवधि शुक्रवार को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश वकील की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि उन्हें मामले में अभी नए निर्देश मिलने बाकी हैं। इसके बाद पीठ ने सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
शीर्ष अदालत ने नवाब मलिक को दी गई अंतरिम जमानत की राहत को भी दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया।
अगस्त 2023 में मलिक को दी गई अंतरिम जमानत समय-समय पर बढ़ाई जाती रही है।
मलिक ने ईडी की जांच वाले मामले में चिकित्सा आधार पर जमानत देने से इनकार करने के बंबई उच्च न्यायालय के 13 जुलाई 2023 के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।
शीर्ष अदालत ने पूर्व में कहा था कि मलिक किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं और 11 अगस्त, 2023 को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद से उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
ईडी ने भगोड़े आतंकवादी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मामले में मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था।
मलिक ने यह दावा करते हुए उच्च न्यायालय से राहत मांगी थी कि वह कई अन्य बीमारियों के अलावा किडनी रोग से भी पीड़ित हैं।
मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)