प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर के 'न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा' खंड का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ईस्‍टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर के 'न्यू खुर्जा-न्‍यू भाऊपुर खंड' का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये किया. उत्‍तर प्रदेश में ईस्‍टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर के 351 किलोमीटर लंबे 'न्यू खुर्जा-न्‍यू भाऊपुर खंड' को 5,750 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

लखनऊ, 29 दिसंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को ईस्‍टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर के 'न्यू खुर्जा-न्‍यू भाऊपुर खंड' का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये किया. उत्‍तर प्रदेश में ईस्‍टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर (Eastern Dedicated Freight Corridor) के 351 किलोमीटर लंबे 'न्यू खुर्जा-न्‍यू भाऊपुर खंड' को 5,750 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान प्रयागराज में स्थित परिचालन नियंत्रण केंद्र का भी उद्घाटन किया. इस खंड के बन जाने से मौजूदा कानपुर-दिल्‍ली मुख्‍य लाइन पर भीड़ कम होगी और यह भारतीय रेलों की गति बढ़ाने में भी सक्षम होगा. प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं. मालगाड़ी की गति धीमी होती है, ऐसे में इन गाड़ियों को रास्‍ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को रोका जाता है तथा इससे दोनों ट्रेनें विलंब से चलती हैं." उन्‍होंने कहा कि आज जब दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है.

मोदी ने कहा कि यह फ्रेट कॉरिडोर औद्योगिक रूप से पीछे रह गये पूर्वी भारत को नई ऊर्जा देने वाला है. इसका करीब 60 प्रतिशत हिस्‍सा उत्‍तर प्रदेश में हैं और प्रदेश को इसका लाभ मिलेगा. उन्‍होंने कहा कि यह फ्रेट कॉरिडोर आत्‍मनिर्भर भारत के लिए बहुत बड़ा माध्‍यम होगा. आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह खंड कानपुर देहात के पुखरायां क्षेत्र में एल्युमीनियम उद्योग, औरैया के डेयरी क्षेत्र, इटावा के डेयरी उत्पादन और ब्लॉक प्रिंटिंग, फिरोजाबाद के कांच उद्योग, खुर्जा के बर्तनों के उत्पाद जैसे स्थानीय उद्योगों के लिए नए अवसर प्रदान करेगा.

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इस परियोजना का उद्देश्य गलियारे के मार्ग में आने वाले राज्यों में बुनियादी ढांचे और उद्योग को रफ्तार देना है. कई राज्यों से होकर गुजरने वाले इस कॉरिडोर का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा उत्‍तर प्रदेश से होकर गुजरेगा.

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