एमएनआरई का राज्यों से अक्षय ऊर्जा उपकरण पार्क स्थापित करने पर जोर
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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने राज्यों से अपील की है कि वे बिजली की घरेलू मांग को पूरा करने के साथ साथ भारत को अक्षय ऊर्जा उपकरण उत्पादन का बड़ा केन्द्र बनाने के लिए अक्षय ऊर्जा (आरई) उपकरण विनिर्माण पार्क स्थापित करें।

   एमएनआरई ने राज्यों को ऐसे पार्क स्थापित करने के लिए कई प्रोत्साहनों को देने की पेशकश की है। यह पहल ऐसे समय में सामने आई है जब चीन में कोविड​​-19 के प्रकोप के बाद कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां वहां से अपने उत्पादन आधार को किसी और जगह ले जाने की इच्छुक हैं।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘एमएनआरई ने घरेलू और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए देश में अक्षय ऊर्जा उपकरणों को बनाने के नए केंद्र स्थापित करने की दिशा में व्यापक कार्रवाई शुरू की है।’’

बयान में कहा गया है कि इस उद्देश्य के साथ, मंत्रालय ने विभिन्न राज्य सरकारों और बंदरगाह प्राधिकरणों को इस तरह के पार्क स्थापित करने के लिए 50-500 एकड़ के भूमि पार्सल की पहचान करने के बारे में पत्र लिखा है।

तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्ट, मध्य प्रदेश सरकार और ओडिशा सरकार ने आरई उपकरण विनिर्माण पार्क स्थापित करने के बारे में पहले ही अपनी रुचि जताई है।

एमएनआरई के सचिव आनंद कुमार ने पिछले सप्ताह आरई कंपनियों के साथ बैठक की।

मंत्रालय को भारत में इस भारी संभावनाओं वाले क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए विभिन्न देशों के व्यापार आयुक्तों एवं प्रतिनिधियों के साथ भी संपर्क बनाया हुआ है।

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में ये विनिर्माण केन्द्र, तमाम उपकरणों एवं सेवाओं का भी निर्यात करेंगे।

मौजूदा समय में, भारत में लगभग 10 गीगावाट पवन ऊर्जा उपकरण विनिर्माण क्षमता है। सौर कोशिकाओं और मॉड्यूल के मामले में, भारत अपनी आवश्यकता का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है।

एमएनआरई ने कहा कि ऐसे समय में जब कई कंपनियां चीन से अपना आधार बदल रही हैं, यह भारत के लिए देश में विनिर्माण की सुविधा के लिए नीतिगत बदलाव लाने का समय है।

इसके अनुरूप, एमएनआरई ने इस क्षेत्र में निवेश की सुविधा के लिए एक अक्षय ऊर्जा उद्योग सुविधा और संवर्धन बोर्ड का गठन किया है।

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