ठाणे, 20 फरवरी महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2013 में नाबालिग लड़की का अपहरण और बलात्कार करने वाले 33 वर्षीय आरोपी को पीड़िता और उसके पिता के बयान से मुकरने के बाद बरी कर दिया।
विशेष पोक्सो अदालत के न्यायाधीश ने तीन फरवरी को एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा।
ठाणे के भिवंडी इलाके में ब्रह्मानंद नगर के रहने वाले व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण), 366 ए (नाबालिग लड़की की खरीद-फरोख्त) और 376(3) (16 साल से कम उम्र की किशोरी से बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के प्रावधान के तहत आरोप लगाए गए थे।
नाबालिग पीड़िता के साथ कथित रूप से 14 फरवरी और 1 सितंबर 2013 के बीच बलात्कार किया गया था। उस समय वह 16 साल की थी।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, हालांकि अभियोजन पक्ष की ओर से दिया गया यह तर्क सही है कि केवल इस आधार पर कि पीड़िता और उसका पिता अपने बयान से मुकर गए हैं, आरोपी को बरी नहीं किया जा सकता और इस मामले में अभी यह देखना आवश्यक है कि रिकॉर्ड पर अन्य और क्या सूबत हैं।
लेकिन अदालत ने कहा कि इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की मदद से भी अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा।
अदालत ने कहा, यह भी साबित नहीं हो सका है कि आरोपी ने पीड़िता के माता-पिता की मौजूदगी में उसका अपहरण कर उससे बलात्कार किया। इसलिए यह नहीं माना जा सकता कि आरोपी के खिलाफ कोई भी आरोप साबित हुआ है।
प्रीति
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