नयी दिल्ली, चार अप्रैल सरकार ने लोकसभा को बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने बैठकों, प्रोत्साहनों, सम्मेलनों एवं प्रदर्शनियों (एमआईसीई) उद्योगों के लिये एक राष्ट्रीय कार्यनीति और इसका मसौदा खाका तैयार किया है।
निचले सदन में डा. संजीव कुमार शिंगरी के प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह जानकारी दी।
रेड्डी ने बताया कि देश में एमआईसीई उद्योग की गति को बढ़ावा देने और इसके एक गंतव्य के रूप में भारत के संवर्द्धन के लिये एक कार्यनीति दस्तावेज का प्रारूप भी तैयार किया है।
उन्होंने बताया कि इसमें एमआईसीई के लिये संस्थागत सहायता, बेहतर माहौल के विकास, इस उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि, व्यवसाय करने की सुगमता में वृद्धि, इसके एक गंतव्य के रूप में भारत की मार्केटिंग एवं कौशल विकास पर जोर दिया गया है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि मंत्रालय ने बैठकों, प्रोत्साहनों, सम्मेलनों एवं प्रदर्शनियों (एमआईसीई) उद्योगों के लिये एक राष्ट्रीय कार्यनीति और इसका मसौदा खाका तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2019 में एक व्यावसायिक एजेंसी के माध्यम से ‘‘ भारत में एमआईसीई बाजार और एमआईसीई पर्यटन उत्पादों के संवर्द्धन में भारत सम्मेलन संवर्द्धन ब्यूरो (आईसीपीबी) की भूमिका’’ पर एक अध्ययन कराया था।
रेड्डी ने कहा कि रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक एमआईसीई उद्योग में भारत की हिस्सेदारी 0.96 प्रतिशत है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)