पटना, 11 सितंबर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के हालिया बयान को लेकर बुधवार को उनकी तीखा आलोचना की।
नीतीश के करीबी माने जाने वाले राज्य मंत्री अशोक चौधरी ने नीतीश कुमार के गठबंधन तोड़ने और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस लौटने के फैसले के लिए सीधे तौर पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद को जिम्मेदार ठहराया।
चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘लालू प्रसाद हमेशा से ही अपने फायदे के लिए सहयोगियों से मदद लेने में विश्वास करते रहे हैं। लेकिन, उन्हें एहसान लौटाने में समस्या होती है।’’
चौधरी राजद सुप्रीमो की पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं।
चौधरी ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए युवा राजद नेता को याद दिलाते हुए कहा, ‘‘नीतीश कुमार उनके जन्म से बहुत पहले से ही सार्वजनिक जीवन में हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि जनता दल (यूनाइटेड) से किसी ने भी गठबंधन के लिए उनके पिता के दरवाजे पर दस्तक नहीं दी है।’’
राज्य में महागठबंधन की पूर्ववर्ती सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी ने पिछले सप्ताह संवाददाताओं से बातचीत के दौरान नीतीश के साथ भविष्य में किसी भी गठबंधन की संभावना से इनकार करते हुए दावा किया था पिछली बार जदयू सुप्रीमो उनके घर आकर राजद विधायकों की मौजूदगी में उनकी माता (पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी) के समक्ष हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाकर माफी मांगे थे।
तेजस्वी ने हाल ही में नीतीश कुमार के साथ हुई बैठक के बाद पुन: गठबंधन की नयी अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही।
जदयू सुप्रीमो ने बैठक के कुछ दिनों बाद राजद को नाराज कर दिया, जब उन्होंने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के साथ मंच साझा करते हुए अतीत की अपनी उतार-चढ़ाव भरी नीतियों को 'गलती' करार दिया और राजग के साथ 'हमेशा' रहने की कसम खाई।
चौधरी ने तेजस्वी को यह भी याद दिलाया कि ''बिहार के लोग समझते हैं कि गठबंधन में किसे फायदा होता है। किसी भी गठबंधन में नीतीश कुमार की मौजूदगी चुनावों में उसकी सफलता की गारंटी है।''
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