उत्तर प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक पूर्व रियासतों के सदस्य इस बार नहीं हैं चुनावी रण में
Lok Sabha Election 2024

लखनऊ, 14 अप्रैल : राजनीतिक दल इस लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व राजघरानों के सदस्यों को उन सीट से मैदान में उतारने में कम रुचि दिखा रहे हैं, जहां पहले उनका प्रभाव था. अमेठी के पूर्व राजा संजय सिंह, पडरौना (कुशीनगर) के कुंवर आरपीएन सिंह, प्रतापगढ़ के कालाकांकर की पूर्व राजकुमारी रत्ना सिंह और जामो (अमेठी) के कुंवर अक्षय प्रताप सिंह 'गोपाल जी' चुनावी समर में नहीं हैं.

इसी तरह पूर्व विधायक एवं भदावर (आगरा) के पूर्व राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह और रामपुर की बेगम नूरबानो और नवाब काज़िम अली भी चुनावी रण में नहीं हैं. ऐसे में उनके किलों में भी वैसी रंगत नहीं है, जैसी उनके उम्मीदवार होने पर दिखती रही है. यह भी पढ़ें : Ayodhya Ramnavmi 2024: भव्य होगी राम मंदिर की पहली रामनवमी! अयोध्या पहुंचेंगे 25 लाख भक्त, श्री रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएंगे सूर्यदेव

सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक कौशल कुमार शाही ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि कई पूर्व राजाओं और राजकुमारों ने अपनी रियासतों के विलय के बाद राजनीति में कदम रखा.