श्रीनगर, 29 जून जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से बुधवार को राजभवन में आयोजित चाय पार्टी में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती शामिल नहीं हुईं।
अधिकारियों के मुताबिक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बृहस्पतिवार से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा सहित केंद्र शासित प्रदेश के मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी ए मीर इस बैठक में शामिल हुए।
पीडीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह अजीब है कि उपराज्यपाल का कार्यालय बेहद संवेदनशील समय में नेताओं को 'हाई टी' बैठक के लिए आमंत्रित कर रहा था।
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने कहा, ''अगर कुछ चर्चा करने के लिए था, तो बैठक के लिए एक एजेंडा निर्धारित किया जाना चाहिए था।''
सुहैल बुखारी ने इस बैठक के समय पर सवाल खड़े करते हुए ट्वीट किया, ''शाम को गंभीर विषयों को लेकर होने वाली एक बैठक के लिए सुबह में निमंत्रण भेजा जाता है। क्या मजाक है! वैसे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सभी दलों की हुई बैठक के नतीजे क्या निकले, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्री भी मौजूद थे?''
उन्होंने यह भी कहा कि यह विडंबना है कि प्रशासन ने महबूबा मुफ्ती को अनंतनाग जिले में उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर जाने की अनुमति नहीं दी और वही प्रशासन उन्हें बैठक के लिए आमंत्रित कर रहा था।
फारूक अब्दुल्ला ने यहां एक समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें निमंत्रण मिला है लेकिन उन्हें इसके एजेंडे के बारे में नहीं बताया गया है।
उन्होंने कहा, ''मैं आज ही दिल्ली से वापस आया हूं। मुझे बैठक में आमंत्रण का कार्ड मिल गया है, लेकिन एजेंडा का उल्लेख नहीं है। मैं वहां जाऊंगा और पता लगाऊंगा कि यह क्या है।''
कांग्रेस ने भी कहा कि इस बैठक के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया गया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)